पाकिस्तान का नागरिक बना गया अधिकारी
अलवर। पाकिस्तान से एक परिवार वीजा पर भारत आया और वापस नहीं लौटा। परिवार का एक सदस्य राजस्थान में राजपत्रित अधिकारी तक बन गया। करीब 23 साल नौकरी भी कर ली, लेकिन सरकार को उसकी वास्तविक नागरिकता का पता ही नहीं चला।
मामला पकड़ में आया तो भी अतिरिक्त जिला कलक्टर स्तर के अधिकारी के आदेश पर उसका भारत में जन्म होने का प्रमाण पत्र जारी हो गया। जबकि इसी अवधि में राज्य सरकार का कार्मिक विभाग उसके खिलाफ नागरिकता में धोखाधड़ी के आरोप की जांच कर रहा था।
मामला राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में सामने आया है। यहां कार्यरत चिकित्सक डॉ. मोहनलाल सिंधी 27 जुलाई 1967 को पाक से माता-पिता के साथ वीजा पर भारत आए। परिवार के सदस्य इसके बाद वीजा बढवाकर यहीं रहने लगे।
माता की मौत के बाद मोहनलाल ने 1997 में बढ़वाये वीजा में खुद को पाक में जन्मा बताया। नौकरी की पात्रता में भारतीय नागरिकता अनिवार्य शर्त थी। एडीएम (शहर) के आदेश पर 2008 में प्रार्थी मोहनलाल को नगर परिषद ने जन्म प्रमाण पत्र भी जारी किया।
प्रमाण पत्र में जन्म स्थान अलवर अंकित किया गया है। जबकि वीजा वृद्धि आवेदन में मोहनलाल ने समान तिथि को पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सिंजोरा में जन्म होना बताया है।
11 वर्ष पहले हुई थी शिकायत
वर्ष 2003 में मामले की शिकायत पर गृह मंत्रालय ने कार्मिक विभाग को जांच के निर्देश दिए। विभाग ने 2005 में गलत सूचना देकर नौकरी हासिल करने के मामले में डॉ मोहनलाल सिंधी को 16 सीसीए का नोटिस दिया। यह जांच अब तक पूरी नहीं हुई है।
डॉ. मोहनलाल सिंधी के खिलाफ पाकिस्तानी नागरिक होने की शिकायत मिली है। उनके दस्तावेजों की तथ्यात्मक जांच चल रही है। मुख्यालय से जांच जिला स्तर पर भेज दी गई है। वहां से रिपोर्ट आने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
वीके माथुर, अतिरिक्त निदेशक, स्वास्थ्य विभाग
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