नई दिल्ली। डीजल और पेट्रोल के कीमतों में एक बार फिर से कटौती से लोगों को मंहगाई से राहत मिल सकती है।
ओपेक सदस्य देश सउदी अरब ने तेल के कीमतों में कटौती कर 80 डॉलर प्रति बैरल अमेरिका को बेचा है, जो पिछले चार साल में सबसे न्यूनतम है।
ओपेक सचिव ने बताया कि ओपेक सदस्य देश जिसमें सउदी अरब भी शामिल है, पिछले शुक्रवार को 81.97 डॉलर प्रति बैरल के स्थान पर सोमवार को 80.64 डॉलर प्रति बैरल की दर से बेचा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बाद भारत में भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती हो सकती हैं।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पिछले माह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के दौरान कहा था कि डीजल की कीमतों का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य पर निर्भर है।
यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट होती है तो लोगों को भी राहत मिलेगी। बता दें कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अब तक छह बार पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती हो चुकी है।
ओपेक सदस्य देश सउदी अरब ने तेल के कीमतों में कटौती कर 80 डॉलर प्रति बैरल अमेरिका को बेचा है, जो पिछले चार साल में सबसे न्यूनतम है।
ओपेक सचिव ने बताया कि ओपेक सदस्य देश जिसमें सउदी अरब भी शामिल है, पिछले शुक्रवार को 81.97 डॉलर प्रति बैरल के स्थान पर सोमवार को 80.64 डॉलर प्रति बैरल की दर से बेचा है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें गिरने के बाद भारत में भी पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती हो सकती हैं।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने पिछले माह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कटौती के दौरान कहा था कि डीजल की कीमतों का निर्धारण अंतरराष्ट्रीय बाजार मूल्य पर निर्भर है।
यदि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट होती है तो लोगों को भी राहत मिलेगी। बता दें कि केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद अब तक छह बार पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती हो चुकी है।
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