जयपुर। भारी प्रशासनिक तामझाम से राज्य में एक दर्जन निजी फर्मो के माध्यम से 15 करोड़ रूपए खर्च कर बनवाए गए राशन कार्डो में अब फर्जीवाड़े की परतें उधड़ रही हैं।
पता चला है कि प्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ राशन कार्ड बनने चाहिए थे, लेकिन बन गए करीब पौने दो करोड़। आंकड़ा सामने आने पर चेती सरकार अब नए सिरे से जिला और राज्य स्तर पर कार्डो की जांच कराने की तैयारी में है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों का ही दावा है कि करीब 20 लाख से ज्यादा राशन कार्ड फर्जी हो सकते हैं। जांच में फर्जी पाए राशन कार्ड निरस्त होंगे।
जांच के बाद मोहर
जांच के बाद संबंधित अधिकारी की ओर से खाद्य सुरक्षा योजना की राशन कार्डो पर मोहर लगेगी। इसके बाद ही योजना का लाभ मिलेगा।
ऎसे होगी पड़ताल
निजी फर्मो से तैयार कार्डो के आंकड़े मांगे।
जिला स्तर पर जांचा जाएगा कि एक ही व्यक्ति के नाम से कितने कार्ड हैं।
नाम पकड़े जाने के बाद पिता का नाम, जाति, उम्र व जन्मतिथि से मिलान।
जिलों के बाद आंकड़ों की राज्य स्तर पर इसी प्रकार से जांच होगी।
सभी आंकड़े एनआईसी की ओर तैयार किए जा रहे सॉफ्टवेयर से क्रॉसचैक होंगे। -
पता चला है कि प्रदेश में करीब डेढ़ करोड़ राशन कार्ड बनने चाहिए थे, लेकिन बन गए करीब पौने दो करोड़। आंकड़ा सामने आने पर चेती सरकार अब नए सिरे से जिला और राज्य स्तर पर कार्डो की जांच कराने की तैयारी में है।
खाद्य विभाग के अधिकारियों का ही दावा है कि करीब 20 लाख से ज्यादा राशन कार्ड फर्जी हो सकते हैं। जांच में फर्जी पाए राशन कार्ड निरस्त होंगे।
जांच के बाद मोहर
जांच के बाद संबंधित अधिकारी की ओर से खाद्य सुरक्षा योजना की राशन कार्डो पर मोहर लगेगी। इसके बाद ही योजना का लाभ मिलेगा।
ऎसे होगी पड़ताल
निजी फर्मो से तैयार कार्डो के आंकड़े मांगे।
जिला स्तर पर जांचा जाएगा कि एक ही व्यक्ति के नाम से कितने कार्ड हैं।
नाम पकड़े जाने के बाद पिता का नाम, जाति, उम्र व जन्मतिथि से मिलान।
जिलों के बाद आंकड़ों की राज्य स्तर पर इसी प्रकार से जांच होगी।
सभी आंकड़े एनआईसी की ओर तैयार किए जा रहे सॉफ्टवेयर से क्रॉसचैक होंगे। -
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