जयपुर। लंबी जद्दोजहद, स्कूलों की ओर से चली खींचतान और बैठकों में चले व्यवधानों के बाद आखिरकार राज्य फीस निर्घारण समिति ने राज्य के 17643 स्कूलों की फीस निर्घारित कर दी है। इसमें जयपुर के 2126 स्कूल शामिल हैं। फीस निर्घारण कानून की धारा 6 (4) के तहत समिति ने सोमवार को इन सभी स्कूलों की फीस अगले तीन साल के लिए तय कर दी है।
अब जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से प्रत्येक स्कूल को कक्षाओं के आधार पर फीस का तय ब्योरा भेज दिया जाएगा। जेएलएन मार्ग स्थित शिक्षा संकुल में इस संबंध में सोमवार को समिति की महत्वपूर्ण बैठक हुई।
स्कूलों की फीस तीन साल के लिए निर्घारित की गई है। समिति अध्यक्ष ने बताया कि अगले दो सत्रों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में होनेे वाली बढ़ोतरी के आधार पर फीस बढ़ाई जा सकती है। इसके लिए स्कूलों को अनिवार्य रूप से समिति से पूर्व अनुमति लेनी होगी। समिति अध्यक्ष पूर्व न्यायधीश शिवकुमार शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में प्रमुख शिक्षा सचिव पी. के. गोयल, माध्यमिक शिक्षा सचिव नरेश पाल गंगवार, माध्यमिक शिक्षा निदेशक सुआलाल और प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक बाबूलाल मीणा मौजूद रहे।
कोर्ट में देंगे सूची
सभी जिलों के 4009 स्कूलों ने फीस निर्घारण समिति की ओर से चाही गई सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराई हैं। अब समिति बुधवार को हाईकोर्ट में ये सूची पेश करेगी। नियमानुसार इन स्कूलों पर मान्यता समाप्ति की कार्रवाई की जा सकती है और आंध्रप्रदेश हाईकोर्ट के इस संदर्भ के फैसले के अनुसार पूरी फीस वसूली पर रोक भी लगाई जा सकती है।
जिन स्कूलों की फीस निर्घारित की गई है, उन्हें फीस निर्घारण कानून की धारा 6 (2) के तहत नोटिस दिया गया था और स्कूलों से एक माह में आपत्ति मांगी गई थी। 4595 स्कूलों ने कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई, वहीं 4259 स्कूलों ने निर्घारित 30 दिन की अवधि में आपत्ति दी, जिनके आधार पर समिति ने इनकी फीस पर पुनर्विचार किया। 8795 स्कूलों ने 30 दिन बाद आपत्ति भेजी, समिति ने इन्हें स्वीकार कर फीस पर पुनर्विचार किया।
17643 स्कूलों की फीस तय कर दी गई है। जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से इन स्कूलों को तय फीस की जानकारी दी जाएगी। जिन स्कूलों ने जानकारी नहीं दी है, उनकी सूची हाईकोर्ट में पेश करेंगे।
शिवकुमार शर्मा, अध्यक्ष राज्य फीस निर्घारण समिति ..
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