चंडीगढ़। हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पहली बार सरकार बनने जा रही है। मनोहर लाल खट्टर राज्य के अगले मुख्यमंत्री के रूप में रविवार को शपथ लेंगे। हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने मंगलवार को खट्टर को राज्य में नई सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। इसके पहले पार्टी विधायकों ने खट्टर को विधायक दल का नेता चुना।
शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन हरियाणा राजभवन के बदले, पंचकुला के ताऊ देवीलाल स्पोट्र्स स्टेडियम में होगा। खट्टर (60) राज्य में भाजपा के पहले मुख्यमंत्री होंगे। हरियाणा राज्य का गठन एक नवंबर, 1966 को हुआ था।
नरेंद्र मोदी की तरह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पूर्व प्रचारक खट्टर को भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों ने यहां एक बैठक में अपना नेता चुन लिया।
हरियाणा विधानसभा चुनाव में 47 सीटें जीतकर राजनीतिक इतिहास रचने वाली भाजपा ने राज्य में अगली सरकार बनाने का दावा मंगलवार को पेश किया। विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद खट्टर ने पार्टी की ओर से एक पत्र हरियाणा के राज्यपाल को सौंपा।
खट्टर केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू, भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिनेश शर्मा, राज्य भाजपा अध्यक्ष राम विलास शर्मा, केंद्रीय मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और अन्य भाजपा नेताओं के साथ राजभवन गए।
खट्टर ने कहा, भाजपा नेतृत्व और पार्टी विधायकों ने इस जिम्मेदारी के लिए मुझे चुना है। मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि हरियाणा की जनता के कल्याण के लिए काम करूंगा।
ख्ट्टर ने मीडियाकर्मियों से कहा, मेरी सरकार पारदर्शी होगी और किसी क्षेत्र के साथ कोई भेदभाव नहीं होगा। हम सभी को साथ लेकर चलेंगे। -
भाजपा को हरियाणा में पहली बार अकेले दम पर 90 सदस्यीय विधानसभा में स्पष्ट बहुमत हासिल हुआ है। चुनाव परिणाम रविवार को घोषित हुए थे।
मुख्यमंत्री पद के लिए खट्टर के अलावा जिन अन्य नामों की चर्चा थी, उनमें भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष राम विलास शर्मा, राज्य भाजपा के प्रवक्ता अभिमन्यु, वरिष्ठ विधायक अनिल विज और भाजपा किसान प्रकोष्ठ के नेता ओ.पी. धनकड़ शामिल थे, जो हाल ही में विधायक निर्वाचित हुए हैं।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री सुषमा स्वराज, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्ण पाल के नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में थे। चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए वीरेंद्र सिंह का नाम भी अफवाहों में था।
यह पहला मौका है जब भाजपा राज्य में अपनी सरकार बनाने जा रही है। भाजपा ने इसके पहले 2009 के विधानसभा चुनाव में मात्र चार सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा के लिए यह चुनाव ऎतिहासिक रहा, क्योंकि उसने इस बार 47 सीटें हासिल की।
इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) दूसरे स्थान पर रहा और उसे 19 सीटें प्राप्त हुई, जबकि कांग्रेस मात्र 15 सीटें ही जीत पाई और तीसरे स्थान पर रही। दो सीटें हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के खाते में गई, एक-एक सीट शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने जीती। पांच निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी जीत हासिल की है।
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