नई दिल्ली। पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहा था, इसके पीछे छिपा राज अब बाहर आ गया है।
उसने संयुक्त राष्ट्र से जम्मू-कश्मीर मामले में हस्तक्षेप करने के लिए एक पत्र लिखा है।
यूएन के महासचिव बान की मून के नाम लिखे पत्र में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर मसले को शांतिपूर्वक सुलझाने में यूएन की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान हालात में यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप इन इंडिया (यूएनएमओजीआईपी) को और मजूबत करने की आवश्यकता है।
पाक पीएम नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने भारत पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति को खराब करने का आरोप लगाया है। इस तरह से पाक ने एक बार फिर कश्मीर का राग विश्व मंच पर अलापा है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान के इन आरोपों पर अभी आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सितंबर में यूएन महासभा में स्पष्ट कर दिया था कि इस मंच पर बार बार कश्मीर का राग अलापने से समाधान में संदेह है। भारत शांतिपूर्ण माहौल में पाकिस्तान से इस शर्त पर दि्वपक्षीय वार्ता के लिए तैयार है, जब वह आतंकवाद का साथ छोड़ दे।
महासभा में किरकिरी होने और अन्य देशों से इस मसले पर कोई खास अहमियत नहीं मिलने पर पाक बौखला गया। इसके बाद से ही अक्टूबर के शुरूआत से एक रणनीति के तहत पाक ने सीमापार से गोलीबारी शुरू कर दी, जिस पर भारत ने जवाबी कार्रवाई की।
भारत की जवाबी कार्रवाई को वह संघर्ष विराम का उल्लंघन बताकर एक बार फिर कश्मीर मसले को गर्माना चाहता है। -
उसने संयुक्त राष्ट्र से जम्मू-कश्मीर मामले में हस्तक्षेप करने के लिए एक पत्र लिखा है।
यूएन के महासचिव बान की मून के नाम लिखे पत्र में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर मसले को शांतिपूर्वक सुलझाने में यूएन की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान हालात में यूनाइटेड नेशंस मिलिट्री ऑब्जर्वर ग्रुप इन इंडिया (यूएनएमओजीआईपी) को और मजूबत करने की आवश्यकता है।
पाक पीएम नवाज शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज ने भारत पर लगातार संघर्ष विराम का उल्लंघन करने और नियंत्रण रेखा पर सुरक्षा स्थिति को खराब करने का आरोप लगाया है। इस तरह से पाक ने एक बार फिर कश्मीर का राग विश्व मंच पर अलापा है।
भारत सरकार ने पाकिस्तान के इन आरोपों पर अभी आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने सितंबर में यूएन महासभा में स्पष्ट कर दिया था कि इस मंच पर बार बार कश्मीर का राग अलापने से समाधान में संदेह है। भारत शांतिपूर्ण माहौल में पाकिस्तान से इस शर्त पर दि्वपक्षीय वार्ता के लिए तैयार है, जब वह आतंकवाद का साथ छोड़ दे।
महासभा में किरकिरी होने और अन्य देशों से इस मसले पर कोई खास अहमियत नहीं मिलने पर पाक बौखला गया। इसके बाद से ही अक्टूबर के शुरूआत से एक रणनीति के तहत पाक ने सीमापार से गोलीबारी शुरू कर दी, जिस पर भारत ने जवाबी कार्रवाई की।
भारत की जवाबी कार्रवाई को वह संघर्ष विराम का उल्लंघन बताकर एक बार फिर कश्मीर मसले को गर्माना चाहता है। -
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