सोमवार, 1 सितंबर 2014

मारवाडियों ने शादी पर नहीं माना ये नियम तो सख्त सजा! -

मुंबई। मारवाड़ी शादियां भारी भरकम खर्चे और भव्यता के लिए जानी जाती हैं। कई शादियों में भव्यता का आलम ये होता है कि 100 करोड़ रूपए तक खर्च कर दिए जाते हैं।
new rules for marwari weddings


बेहिसाब खर्च को देखते हुए दक्षिण राजस्थान के गांवों और शहरों के मारवाड़ी समाज के बड़े-बुजुर्गो ने एक कड़ा फैसला किया है।

बडे-बुजुर्गो ने शादियों में बेहिसाब खर्चे को पैसे की बर्बादी बताया है। उनका कहना है कि कई बार भव्य शादी के लिए लड़की वालों पर आर्थिक रूप से बड़ा दबाव भी पड़ता है।

राजस्थान के पाली और जालौर जिलों के तखतगढ़, बाली, सादरी और अन्य गांवों के रहने वाले लोगों ने शादियों के लिए एक नया नियम बनाया है। अगर कोई उस नियम को तोड़ेगा तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जा सकता है या फिर उस पर 50 हजार रूपए का जुर्माना लगाया जा सकता है।

क्या है नया नियम?
उदाहरण के तौर पर तखतगढ के मारवाड़ी लोगों को शादियां अपने गांव में करनी होंगी। बारात आने पर ढोल बजाने वालों और सजावट के लिए लाइटों की संख्या सीमित होगी।

शादी समारोह की सामान्य व्यवस्था करनी होगी। खाने में दो से अधिक मिठाई नहीं होनी चाहिए।

वहीं पाली जिले के बाली के रहने वालों ने मुंबई जैसे शहर में शादी की अनुमति दी है। लेकिन शादी समारोह केवल एक दिन ही करना होगा। सूर्यास्त के बाद डिनर के कार्यक्रम पर पाबंदी लगा दी है। जो लोग डिनर पार्टी देंगे उनका तीन सात तक सामाजिक बहिष्कार कर दिया जाएगा।

क्या कहना है लोगों का
मुंबई के दादर में रहने वाले चिंतामणि जैन का कहना है कि यह नियम सही है। इससे शादियोे में होने वाले रूपयों की बर्बादी पर रोक लग सकेगी। उन्होंने कहा कि जब अगले साल उनकी बेटी की शादी होगी तो वह इन नियमों का पालन करेंगे।

सादरी के रहने वाले ज्वैलर किशोर जैन का कहना है कि वे लोग इस नियम को लागू कराने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन कुछ लोगों का मानना है कि ये नियम व्यवहारिक नहीं हैं। मारवाड़ी समाज में शादी हमेशा से ही भव्यता के साथ होती रही है।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें