मेरठ । 57 वर्ष के एक पूर्व सरकारी डॉक्टर का शव मौत के एक महीने बाद उनके घर से बरामद हुआ। अंदेशा है कि डॉ. हरेंद्र बढ़ई की मौत भुखमरी से हुई है। घटना यूपी के मेरठ की है जहां डॉ. बढ़ई अपने भाई हरीश के साथ शास्त्री नगर में रहते थे। पुलिस ने बताया कि दोनों भाई मानसिक बीमारी से गुजर रहे थे।
खाते-पीते लोगों की कॉलोनी शास्त्रीनगर में शनिवार को एक भयावह दृश्य देखकर पुलिस भी कांप गई। मकान नंबर बी-163 में रहने वाले डॉ. हरेंद्र की लाश कमरे में सड़ी हुई मिली, जबकि पास में मृतक का अवसादग्रस्त भाई हरीश सोता हुआ मिला। करीब महीने भर से दोनों भाई घर से बाहर भी नहीं निकले थे। घर से लगातार उठती तेज बदबू से पड़ोसियों को शक हुआ । बगल में रहने वाले डॉ. विनोद अग्रवाल ने पुलिस को सूचित किया, तो हैरतअंगेज वाकया सामने आया । पुलिस ने दरवाजा खटखटाया, किंतु अंदर से कोई आहट नहीं आई। दरवाजा तोड़कर जब पुलिस अंदर पहुंची, तो वहां के दृश्य ने पुलिस को झकझोर कर रख दिया। सड़ी- गली लाश की बगल छोटा भाई हरीश मगई सोता हुआ मिला। उसका रूप देखकर पड़ोसी भी सन्न रह गए। लाश क्षत-विक्षत हो चुकी थी और उसमें कीड़े भी पड़ चुके थे।
शुरूआती जांच में पता चला है कि दोनों भाइयों ने खुद को घर में कैद कर रखा था और हरेंद्र की मौत की वजह भुखमरी हो सकती है। दोनों के लिए खाना एक टिफिन सर्विस से आता था, जो पिछले 20 दिन से बंद थी। हरीश एयर फोर्स में ऑफिसर थे जबकि डॉ. हरेंद्र सरधाना के सिविल हॉस्पिटल में तैनात रहे। दोनों ने मानसिक परेशानियों की वजह से नौकरियां छोड़ दी थीं। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और जांच के लिए हरीश को हिरासत में ले लिया है -
खाते-पीते लोगों की कॉलोनी शास्त्रीनगर में शनिवार को एक भयावह दृश्य देखकर पुलिस भी कांप गई। मकान नंबर बी-163 में रहने वाले डॉ. हरेंद्र की लाश कमरे में सड़ी हुई मिली, जबकि पास में मृतक का अवसादग्रस्त भाई हरीश सोता हुआ मिला। करीब महीने भर से दोनों भाई घर से बाहर भी नहीं निकले थे। घर से लगातार उठती तेज बदबू से पड़ोसियों को शक हुआ । बगल में रहने वाले डॉ. विनोद अग्रवाल ने पुलिस को सूचित किया, तो हैरतअंगेज वाकया सामने आया । पुलिस ने दरवाजा खटखटाया, किंतु अंदर से कोई आहट नहीं आई। दरवाजा तोड़कर जब पुलिस अंदर पहुंची, तो वहां के दृश्य ने पुलिस को झकझोर कर रख दिया। सड़ी- गली लाश की बगल छोटा भाई हरीश मगई सोता हुआ मिला। उसका रूप देखकर पड़ोसी भी सन्न रह गए। लाश क्षत-विक्षत हो चुकी थी और उसमें कीड़े भी पड़ चुके थे।
शुरूआती जांच में पता चला है कि दोनों भाइयों ने खुद को घर में कैद कर रखा था और हरेंद्र की मौत की वजह भुखमरी हो सकती है। दोनों के लिए खाना एक टिफिन सर्विस से आता था, जो पिछले 20 दिन से बंद थी। हरीश एयर फोर्स में ऑफिसर थे जबकि डॉ. हरेंद्र सरधाना के सिविल हॉस्पिटल में तैनात रहे। दोनों ने मानसिक परेशानियों की वजह से नौकरियां छोड़ दी थीं। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और जांच के लिए हरीश को हिरासत में ले लिया है -
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