नई दिल्ली। सवा सौ करोड़ भारतीयों की गगनचुंबी उम्मीदों का भार लिए भारत का महत्वाकांक्षी मिशन मंगलयान बुधवार सुबह मंगल की कक्षा में स्थापित कर दिया।
भारत पहली बार ये मुकाम हासिल करने वाला पहला देश बन गया है। इस ऎतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद टेलीमेंट्री ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (आईएसटीआरएसी) केंद्र में मौजूद हैं।एशिया का पहला, दुनिया का चौथा देश होगा भारत
इस मिशन के कामयाब होते ही भारत मंगल की कक्षा में उपग्रह स्थापित करने वाला एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश होगा।
अभी तक केवल अमेरिका, रूस और यूरोपीय यूनियन को ही यह उपलब्धि प्राप्त है। जापान और चीन ने भी मंगल की ओर अपने उपग्रह भेजे थे लेकिन वे अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाए।
चीन का उपग्रह पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से बाहर नहीं निकल पाया था। इस यान के साथ पांच प्रायोगिक उपकरण मीथेन सेंसर, कंपोजिट एनालिसिस, फोटोमीटर, कलर कैमरा और इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर लगे हैं जो मंगल ग्रह के रहस्यों पर से पर्दा उठाने में वैज्ञानिकों की मदद करेंगे। मंगलयान करीब छह महीने तक सेवा में रहेगा। -
इस मिशन के कामयाब होते ही भारत मंगल की कक्षा में उपग्रह स्थापित करने वाला एशिया का पहला और दुनिया का चौथा देश होगा।
अभी तक केवल अमेरिका, रूस और यूरोपीय यूनियन को ही यह उपलब्धि प्राप्त है। जापान और चीन ने भी मंगल की ओर अपने उपग्रह भेजे थे लेकिन वे अपने अंजाम तक नहीं पहुंच पाए।
चीन का उपग्रह पृथ्वी के गुरूत्वाकर्षण से बाहर नहीं निकल पाया था। इस यान के साथ पांच प्रायोगिक उपकरण मीथेन सेंसर, कंपोजिट एनालिसिस, फोटोमीटर, कलर कैमरा और इमेजिंग स्पेक्ट्रोमीटर लगे हैं जो मंगल ग्रह के रहस्यों पर से पर्दा उठाने में वैज्ञानिकों की मदद करेंगे। मंगलयान करीब छह महीने तक सेवा में रहेगा। -
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