नई दिल्ली। राजस्थान के लेखक माधव हाडा, वरिष्ठ पत्रकार विजय दत्त श्रीधर, आकाशवाणी की पूर्व उप महानिदेशक विजया लक्ष्मी सिन्हा और बिंदिया की संपादक गीताश्री समेत 14 लोगों को मंगलवार को भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सीरी फोर्ट सभागार में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में इन लेखकों और पत्रकारों को वर्ष 2011 और 2012 के लिए इन पुरस्कारों से सम्मानित किया।
जावडेकर ने पत्रकारिता एवं जनसंचार वर्ग में 75 हजार रूपए का पहला पुरस्कार 2011 के लिए श्रीधर को उनकी पुस्तक पहला संपादकीय के लिए दिया जबकि 2012 के लिए पहला पुरस्कार विजया लक्ष्मी सिन्हा को उनकी पुस्तक मैंने आवाज को देखा है के लिए दिया गया।
टीवी पत्रकार हरीश चंद्र बर्णवाल को उनकी पुस्तक टेलीविजन की भाषा के लिए वर्ष 2011 के लिए 50 हजार रूपए का दूसरा पुरस्कार दिया गया जबकि 2012 के लिए यह पुरस्कार राजस्थान के लेखक माधव हाडा को उनकी पुस्तक सीढिया चढ़ता मीडिया के लिए दिया गया।
वर्ष 2011 में पत्रकारिता एवं जनसंचार वर्ग का 40 हजार रूपए का तीसरा पुरस्कार संतोष कुमार निर्मल को उनकी पुस्तक फिल्में और प्रचार: तब से अब तक के लिए दिया गया जबकि सुरेश कुमार को आनलाइन मीडिया पुस्तक के लिए 2012 के इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। -
सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने सीरी फोर्ट सभागार में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में इन लेखकों और पत्रकारों को वर्ष 2011 और 2012 के लिए इन पुरस्कारों से सम्मानित किया।
जावडेकर ने पत्रकारिता एवं जनसंचार वर्ग में 75 हजार रूपए का पहला पुरस्कार 2011 के लिए श्रीधर को उनकी पुस्तक पहला संपादकीय के लिए दिया जबकि 2012 के लिए पहला पुरस्कार विजया लक्ष्मी सिन्हा को उनकी पुस्तक मैंने आवाज को देखा है के लिए दिया गया।
टीवी पत्रकार हरीश चंद्र बर्णवाल को उनकी पुस्तक टेलीविजन की भाषा के लिए वर्ष 2011 के लिए 50 हजार रूपए का दूसरा पुरस्कार दिया गया जबकि 2012 के लिए यह पुरस्कार राजस्थान के लेखक माधव हाडा को उनकी पुस्तक सीढिया चढ़ता मीडिया के लिए दिया गया।
वर्ष 2011 में पत्रकारिता एवं जनसंचार वर्ग का 40 हजार रूपए का तीसरा पुरस्कार संतोष कुमार निर्मल को उनकी पुस्तक फिल्में और प्रचार: तब से अब तक के लिए दिया गया जबकि सुरेश कुमार को आनलाइन मीडिया पुस्तक के लिए 2012 के इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया। -
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें