जयपुर। ग्लासगो में आयोजित 20वें राष्ट्रमंडल खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाली जयपुर की अपूर्वी चंदेला को राजस्थान सरकार ने 15 लाख रूपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की है।
आत्मविश्वास से लबरेज अपूर्वी ने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेते हुए स्वर्ण पदक पर ही निशाना साधा। अपूर्वी चंदेला ने, महिलाओं की 10 मी. एयर राइफल स्पर्धा में गेम्स रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपूर्वी को बधाई देते हुए कहा था कि अपूर्वी चंदेला ने अपनी इस जीत से तिरंगे की शान को बुलंद करते हुए खेल जगत में राजस्थान के लिए एक नया अध्याय जोड़ा है। अपूर्वी के इस प्रदर्शन के बाद राज्य के युवाओं एवं खिलाडियों को नई ऊंचाईयां छूने की प्रेरणा मिलेगी।
पिंकसिटी की रहने वाली अपूर्वी बीजिंग ओलंपिक और ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरूषों की 10 मी. एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण जीत इतिहास रचने वाले अभिनव बिंद्रा को अपना आदर्श मानती हैं।
बीजिंग में जब बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीता तो अपूर्वी को भी निशानेबाजी का चस्का लगा और उन्होंने इसकी ट्रेनिंग लेनी शुरू की। अपूर्वी के सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता कुलदीप सिंह चंदेला ने घर के बेसमेंट में शूटिंग रेंज खोल डाली।
आत्मविश्वास से लबरेज अपूर्वी ने पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लेते हुए स्वर्ण पदक पर ही निशाना साधा। अपूर्वी चंदेला ने, महिलाओं की 10 मी. एयर राइफल स्पर्धा में गेम्स रिकॉर्ड के साथ स्वर्ण पदक जीता।
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपूर्वी को बधाई देते हुए कहा था कि अपूर्वी चंदेला ने अपनी इस जीत से तिरंगे की शान को बुलंद करते हुए खेल जगत में राजस्थान के लिए एक नया अध्याय जोड़ा है। अपूर्वी के इस प्रदर्शन के बाद राज्य के युवाओं एवं खिलाडियों को नई ऊंचाईयां छूने की प्रेरणा मिलेगी।
पिंकसिटी की रहने वाली अपूर्वी बीजिंग ओलंपिक और ग्लासगो कॉमनवेल्थ गेम्स में पुरूषों की 10 मी. एयर राइफल स्पर्धा में स्वर्ण जीत इतिहास रचने वाले अभिनव बिंद्रा को अपना आदर्श मानती हैं।
बीजिंग में जब बिंद्रा ने स्वर्ण पदक जीता तो अपूर्वी को भी निशानेबाजी का चस्का लगा और उन्होंने इसकी ट्रेनिंग लेनी शुरू की। अपूर्वी के सपने को पूरा करने के लिए उनके पिता कुलदीप सिंह चंदेला ने घर के बेसमेंट में शूटिंग रेंज खोल डाली।
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