जालोर भंवरानी। कोराणा गांव में एक किसान को अपने खेत में बुवाई के दौरान प्राचीन प्रतिमा मिली। कोराणा निवासी प्रभुराम अपने खेत में अरण्डी की बुवाई कर रहा था। उस दौरान कृçष्ा यंत्र कल्टीवेटर से पत्थर टकराने की आवाज आई। उसने ट्रैक्टर को रोककर देखा तो वहां कुछ दिखाई नहीं दिया। इस पर शंका दूर करने के लिए उसने वहां खुदाई की तो कुछ नीचे संगमरमर की प्रतिमा मिली।
उसने इस बारे में ग्रामीणों को सूचना दी और उक्त प्रतिमा को शुद्ध पानी से धोकर एक पेड़ के नीचे बिराजित किया। कुछ ही देर में वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई। लोग प्रतिमा को लेकर तरह-तरह के कयास लगाने लगे। कोई इसे मंगल मूर्ति तो कोई विधाता बता रहा था। कुछ ने इसे लक्ष्मी व सरस्वती की प्रतिमा भी बताया।
अभिषेक कर प्रसादी चढ़ाई
संगमरमर की प्राचीन प्रतिमा को देख ग्रामीणों में खुशी की लहर छा गई। ग्रामीणों ने उस प्रतिमा का शुद्ध जल से अभिषेक किया और खेत के पास ही एक वृक्ष के नीचे प्रतिष्ठित कर दिया। ग्रामीणों ने उस प्रतिमा के आगे प्रसादी का भोग भी लगाया।
ऎसी है प्रतिमा
संगमरमर की बनी यह प्रतिमा किसी देवी की हैं। प्रतिमा के हाथों में वीणा और शास्त्र की पुस्तक है। मूर्ति के एक और एक महिला को हाथ जोड़े दिखाया गया है, वहीं दूसरी तरफ एक पक्षी या पशु का चित्र नजर आ रहा है। इससे विद्या की देवी सरस्वती लग रही है। कुछ इसे जैन धर्म से संबंधित प्रतिमा भी बता रहे हैं।
यहां बसा हुआ था गांव
गांव के प्रबुद्धजन बता रहे हैं वर्तमान कोराणा गांव करीब 150 वर्ष पहले अस्तित्व में आया। जहां से मूर्ति निकली, पहले वहां एक प्राचीन गांव बसा हुआ था। जहां काला जाति के चौधरी समाज के लोगों का बाहुल्य था। तत्कालीन समय में लोग उस स्थान पर 84 लड़कियों का सामूहिक विवाह होने की बात भी बता रहे हैं। इसके आसपास एक पौराणिक बावड़ी व मंदिर जैसे साक्ष्य भी मिल सकते हैं।
सांस्कृतिक धरोहर
कोराणा के युवा भरत कुमार दर्जी व डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि यह प्रतिमा गांव के ऎतिहासिक तथ्यों को बताने में सहायक साबित हो सकती हैं। प्रतिमा के परीक्षण से गांव से सम्बधित अन्य जानकारी भी जुटाई जा सकती है। यह प्रतिमा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है।
ग्रामीणों के लिए शुभ संकेत
यह प्रतिमा ग्रामीणों के लिए शुभ संकेत दे रही हैं। यह हमारा भाग्य है कि हमें देवी की प्रतिमा प्राप्त हुई। यह पौराणिक मूर्ति है।
- भोपाजी लाखाराम कोराणा
मंगल मूर्ति है
मैंने मूर्ति को देखा है। ग्रामीणों के लिए शुभ है। यह मंगल मूर्ति है। मंदिर के भी अवशेष मिल सकते हैं। प्राचीन समय में यहां गांव बसा हुआ था।
-संत संतोष भारती, भाद्राजून
संरक्षण किया जाएगा
कोराणा गांव में प्राचीन मूर्ति मिली हैं। हम पुरातत्तव विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाकर इस प्राचीन धरोहर के संरक्षण के लिए प्रयास करेंगे।
-नेमाराम सुथार, ग्राम सचिव कोराणा
उसने इस बारे में ग्रामीणों को सूचना दी और उक्त प्रतिमा को शुद्ध पानी से धोकर एक पेड़ के नीचे बिराजित किया। कुछ ही देर में वहां ग्रामीणों की भीड़ लग गई। लोग प्रतिमा को लेकर तरह-तरह के कयास लगाने लगे। कोई इसे मंगल मूर्ति तो कोई विधाता बता रहा था। कुछ ने इसे लक्ष्मी व सरस्वती की प्रतिमा भी बताया।
अभिषेक कर प्रसादी चढ़ाई
संगमरमर की प्राचीन प्रतिमा को देख ग्रामीणों में खुशी की लहर छा गई। ग्रामीणों ने उस प्रतिमा का शुद्ध जल से अभिषेक किया और खेत के पास ही एक वृक्ष के नीचे प्रतिष्ठित कर दिया। ग्रामीणों ने उस प्रतिमा के आगे प्रसादी का भोग भी लगाया।
ऎसी है प्रतिमा
संगमरमर की बनी यह प्रतिमा किसी देवी की हैं। प्रतिमा के हाथों में वीणा और शास्त्र की पुस्तक है। मूर्ति के एक और एक महिला को हाथ जोड़े दिखाया गया है, वहीं दूसरी तरफ एक पक्षी या पशु का चित्र नजर आ रहा है। इससे विद्या की देवी सरस्वती लग रही है। कुछ इसे जैन धर्म से संबंधित प्रतिमा भी बता रहे हैं।
यहां बसा हुआ था गांव
गांव के प्रबुद्धजन बता रहे हैं वर्तमान कोराणा गांव करीब 150 वर्ष पहले अस्तित्व में आया। जहां से मूर्ति निकली, पहले वहां एक प्राचीन गांव बसा हुआ था। जहां काला जाति के चौधरी समाज के लोगों का बाहुल्य था। तत्कालीन समय में लोग उस स्थान पर 84 लड़कियों का सामूहिक विवाह होने की बात भी बता रहे हैं। इसके आसपास एक पौराणिक बावड़ी व मंदिर जैसे साक्ष्य भी मिल सकते हैं।
सांस्कृतिक धरोहर
कोराणा के युवा भरत कुमार दर्जी व डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि यह प्रतिमा गांव के ऎतिहासिक तथ्यों को बताने में सहायक साबित हो सकती हैं। प्रतिमा के परीक्षण से गांव से सम्बधित अन्य जानकारी भी जुटाई जा सकती है। यह प्रतिमा हमारी सांस्कृतिक धरोहर है।
ग्रामीणों के लिए शुभ संकेत
यह प्रतिमा ग्रामीणों के लिए शुभ संकेत दे रही हैं। यह हमारा भाग्य है कि हमें देवी की प्रतिमा प्राप्त हुई। यह पौराणिक मूर्ति है।
- भोपाजी लाखाराम कोराणा
मंगल मूर्ति है
मैंने मूर्ति को देखा है। ग्रामीणों के लिए शुभ है। यह मंगल मूर्ति है। मंदिर के भी अवशेष मिल सकते हैं। प्राचीन समय में यहां गांव बसा हुआ था।
-संत संतोष भारती, भाद्राजून
संरक्षण किया जाएगा
कोराणा गांव में प्राचीन मूर्ति मिली हैं। हम पुरातत्तव विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाकर इस प्राचीन धरोहर के संरक्षण के लिए प्रयास करेंगे।
-नेमाराम सुथार, ग्राम सचिव कोराणा
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