जयपुर। एक बार फिर से राजस्थान लोक सेवा आयोग की एक और परीक्षा गलत प्रबंधन और लापरवाही का शिकार हो गई है। इसके कारण 621 पदों पर हजारों छात्रों का भविष्य फिर अधर में है। वाणिज्य वर्ग के स्कूल व्याख्याता के लिए हुई इस परीक्षा में सी प्रश्नपत्र में जहां दो प्रश्न तालिका से गायब तो 25 दोहराए गए। वहीं डी प्रश्नपत्र में 150 प्रश्नों की जगह 152 आए और वह भी दोहरे। प्रश्नपत्र जिस तरीके से आया है। इससे प्रतीत होता है कि प्रश्नपत्र गलत छपे हैं या सही। इसे भी जांचने की जहमत नहीं उठाई।
कल ही कहा था प्रश्नपत्र की गलती से नहीं हुई कोई गड़बड़
आरपीएससी अध्यक्ष नेे 13 जुलाई को बातचीत करते हुए कहा था कि प्रश्नपत्र की गलितयों के कारण पिछले दो साल में कोई गड़बड़ नहीं हुई है। और न ही इसके कारण कोई भर्ती रूकी है। ठीक दूसरे दिन 14 जुलाई को प्रश्नपत्रों में गलतियों का पुलिंदा निकल आया। अब कह रहे हैं कि राय ली जाएगी। हो सकता है की परीक्षा दुबारा भी कराई जाए। अब ऎसे में जिम्मेंवार कौन और जिम्मेंवार कोई हो भी जाए तो वह परीक्षार्थियों की मेहनत और एकाग्रता कहां से वापस हो पाएगी।
खुद ही डालो नंबर, दिए पांच मिनट
प्रश्नपत्र में गड़बड़ी का मामला सामने आते ही हड़कंप मच गया। ऎसे में छात्र बवाल न खड़ा कर दें दूसरी ओएमआर सीट थमा कर खुद ही नंबरिंग करने के लिए कह दिया। इस पूरी प्रकिया में करीब आधा घंटा लग गया और छात्रों को दिया गया सिर्फ पांच मिनट। ऎसे में 150 प्रश्नों की जगह लोग करीब 100 ही प्रश्न कर पाए। ऎसे में जिस तरह की कार्यप्रणाली अपनाई है। इससे लगता है कि यह परीक्षा अटक जाएगी।
आखिर कब तक रहेगी गलत प्रणाली
ऎसे कब तक होगा। पहले तो साल भी में भर्ती आई परीक्षा हो रही थी लेकिन अब प्रश्नपत्र ही गलत है। इस तरह रहा जो पूरी जिंदगी इम्तहान में बीत जाएगी। साल भर बाद भर्ती आई। बहुत तैयारियों के बाद परीक्षा देने और जब 40 प्रश्न कर चुके तो पता लगा प्रश्नपत्र ही गलत आया है। एक बार नहीं, दो बार नहीं, बार-बार ऎसा ही हो रहा है। ऎसे में हम कहां जाएं। परीक्षाओं में गड़बडियों को लेकर उभरा यह दर्द सिर्फ बृजेश सिंह गुर्जर का है। वह कहते एमकाम बीएड कर लिया। इधर उम्र निकली जा रही है और आयोग गलतियों में गलतियां किए जा रहा है। एक परीक्षा सही से हो नहीं पाती की दूसरी की गड़बड़ी सूचना आ जाती है। ऎसे में अब क्या किया जाए कुछ भी समझ नहीं आता है। यह दर्द सिर्फ बृजेश का ही नहीं है। यह उन सभी नौजवानों का है जो गलत परीक्षा प्रणाली के शिकार हो रहे हैं।
यह हुई है परीक्षा
13 जुलाई - गणित और चित्रकला
14 जुलाई- वाणिज्य, भूगोल, और संगीतशास्त्र
15 जुलाई- अर्थशास्त्र
16 जुलाई- रसायन विज्ञान, समाज शास्त्र
17 जुलाई-लोक प्रशासन, राजस्थानी
18 जुलाई-संस्कृत, जीव विज्ञान, इतिहास
19 जुलाई-राजनीति विज्ञान, अंग्रेजी
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