नेत्रहीन मुस्लिम बच्चों और युवाओं के लिए भारत में अब तक इस्लाम धर्म के पवित्र धर्मग्रंथ कुरान को पढऩे का कोई आसान विकल्प नहीं था लेकिन अब ऐसा नहीं है। देश की पहली ‘ब्रेल लिपि में अरेबिक कुरान’ तैयार होने से भारत अब दुनिया का 5वां ऐसा देश बन गया है जहां नेत्रहीन मुस्लिम बच्चे और युवा अपने मजहब की पवित्र किताब कुरान पढ़ सकेंगे।
मदरसा नूर रिसर्च इंस्टीच्यूट फॉर ब्लाइंड के अध्यक्ष प्रोफैसर हलीम खान ने आज यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमारी संस्था की 23 वर्षीय सचिव राबिया खान ने ‘अरेबिक ब्रेल कुरान’ को तैयार किया है जो स्वयं भी बचपन से नेत्रहीन हैं।’’
मदरसा नूर रिसर्च इंस्टीच्यूट फॉर ब्लाइंड के अध्यक्ष प्रोफैसर हलीम खान ने आज यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘हमारी संस्था की 23 वर्षीय सचिव राबिया खान ने ‘अरेबिक ब्रेल कुरान’ को तैयार किया है जो स्वयं भी बचपन से नेत्रहीन हैं।’’
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