रविवार, 20 जुलाई 2014

कांग्रेस-नैशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन टूटा, अकेले लड़ेंगे विधानसभा चुनाव



जम्मू-कश्मीर में वर्षों पुराना कांग्रेस-नैशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन टूट गया है। दोनों पार्टियों ने विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया। कांग्रेस की सीनियर नेता अंबिका सोनी ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी। अंबिका सोनी ने कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की सभी 87 विधानसभा सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारेगी।
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अंबिका सोनी ने कहा कि हम कैंडिडेट्स उतारेंगे और सभी 87 सीटों पर उन कैंडिडेट्स का समर्थन करेंगे, जिनका हम करना चाहते हैं। कांग्रेस के एक दूसरे सीनियर नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि दोनों पार्टियों का अलग होना अच्छा है और अब दोनों एक दूसरे के भरोसे नहीं रहेंगे। हालांकि गुलाम नबी आजाद ने स्पष्ट किया कि गठबंधन टूटने के बाद भी राज्य सरकार को समर्थन जारी रहेगा।


गुलाम नबी आजाद ने कहा कि गठबंधन टूटने से राज्य सरकार खतरे में नहीं आएगी। उन्होंने कहा, '2002 और 2008 की तरह कांग्रेस का अन्य पार्टियों पर निर्भर रहना अच्छा नहीं होगा। हम विधानसभा चुनाव में कोई रिस्क नहीं ले सकते। पार्टी अपने दम पर चुनाव लड़ चुकी है। हम फिर अपने दम पर चुनाव लड़ेंगे।

कांग्रेस के प्रेस कॉन्फ्रेंस से ऐलान के बाद जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी ट्वीट कर इस मामले को स्पष्ट करने की कोशिश की। उमर ने दावा किया कि गठबंधन तोड़ने का फैसला नैशनल कॉन्फ्रेंस का है, ना कि कांग्रेस का। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, 'कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 दिन पहले मुलाकात हुई थी, तभी गठबंधन तोड़ने के फैसले के बारे में उन्हें बता दिया गया था

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