बुधवार, 2 जुलाई 2014

बृहस्पति के शुभ-अशुभ प्रभाव के ये हैं संकेत



आपके जीवन में शुभ और अशुभ संकेत बराबर मिलते रहते हैं। कुछ संकेत ऎसे हैं जिनसे आप पता लगा सकते हैं अमुक कार्य बृहस्पति देव के प्रभाव से है या नहीं।
Indications of Jupiter's impact as good or bad
बृहस्पति को मान-सम्मान, संतान सुख और विद्या का कारक माना जाता है। बृहस्पति के निर्बल होने पर इसके शुभ फल नष्ट हो जाते हैं। व्यक्ति के अपने आचरण, व्यवहार, कामकाज, रिश्तेदारों, मकान तथा अन्य कई प्रकार की स्वयं से जुड़ी स्थितियों, चीजों और हालातों से भी किसी ग्रह का असर प्रभावित होता है। जैसे यदि बृहस्पति कुंडली में नौवें घर में हो और किसी भी तरीके से अशुभ न हो।

लेकिन ऎसी स्थिति में यदि व्यक्ति पीपल का पेड़ कटवाए या पिता, साधु-संतों, बुजुर्गो, ब्राह्मणों की अवहेलना या अपमान करने लगे तो उसका उत्तम बृहस्पति भी निष्फल हो जाएगा। ऎसे समय सिर पर चोटी के स्थान के बालों का उड़ना, शिक्षा में अड़चनें आना, सोना चोरी होना, बेचना या खोना, बदनामी होना, झूठी अफवाहें फैलना आदि बृहस्पति के अशुभ असर की निशानी होती हैं।

कुंडली में मित्र ग्रहों सूर्य, चंद्रमा और मंगल के साथ युति होने से बृहस्पति की शक्ति में वृद्धि होती है और शुभ फल मिलते हैं। सूर्य के साथ होने पर बृहस्पति प्रतिष्ठा दिलाता है। बुध, शुक्र और राहु, बृहस्पति के शत्रु ग्रह हैं और दृष्टि या युति द्वारा इसके असर को प्रभावित करते हैं। ऎसे में बृहस्पति के मित्र ग्रहों के उपाय से सहायता मिलती है। शुक्र द्वारा बृहस्पति पीडित हों, तो सूर्य और मंगल के उपाय सहायक होते हैं। इसी प्रकार राहु से बृहस्पति पीडित हों, तो सूर्य, चंद्र और मंगल के उपाय सहायक होते हैं।

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