पाली। इसे कानून के प्रति लोगों की बढ़ी जागरूकता कहें या पुलिस के अथक प्रयास, कारण कुछ भी हो पाली जिला कारागृह में दुष्कर्म के बंदियों की संख्या कुल बंदियों से पचास प्रतिशत से भी अधिक है।
यहां 65 की क्षमता के मुकाबले कुल 148 बंदी है विचाराधीन है, जिनमें 75 बंदी दुष्कर्म के है। इनमें कई कैदी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों का निवारण अधिनियम (पोक्सो) के भी हैं। जेल के अधिकारी भी कहते हैं कि पहली बार वे इतनी अधिक संख्या में दुष्कर्म के आरोपितों को अभिरक्षित कर रहे हैं।
गिरफ्तारी का दबाव
अधिवक्ता कमलेश दवेरा बताते हैं कि पोक्सो जैसे कानूनों ने कम उम्र में दुष्कर्म की व्याख्या भी विस्तृत कर दी और नाबालिग की उम्र भी 16 से बढ़ाकर 18 कर दी। अनुसंधान अधिकारियों पर आरोपित को गिरफ्तार करने का भारी दबाव भी होता है। इसी के चलते जेल में यह संख्या बढ़ रही है।
यहां 65 की क्षमता के मुकाबले कुल 148 बंदी है विचाराधीन है, जिनमें 75 बंदी दुष्कर्म के है। इनमें कई कैदी लैंगिक उत्पीड़न से बच्चों का निवारण अधिनियम (पोक्सो) के भी हैं। जेल के अधिकारी भी कहते हैं कि पहली बार वे इतनी अधिक संख्या में दुष्कर्म के आरोपितों को अभिरक्षित कर रहे हैं।
गिरफ्तारी का दबाव
अधिवक्ता कमलेश दवेरा बताते हैं कि पोक्सो जैसे कानूनों ने कम उम्र में दुष्कर्म की व्याख्या भी विस्तृत कर दी और नाबालिग की उम्र भी 16 से बढ़ाकर 18 कर दी। अनुसंधान अधिकारियों पर आरोपित को गिरफ्तार करने का भारी दबाव भी होता है। इसी के चलते जेल में यह संख्या बढ़ रही है।
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