नई दिल्ली। दक्षिणी दिल्ली में रहने वाले सतीश कुमार, 14 साल से कभी सोए नहीं है। खास बात यह है कि उनका इजाल करने वाले डॉक्टर भी इस बात से पेरशान है कि इसके बावजूद वे स्वस्थ कैसे हैं? दरअसल मेडिकल साइंस में 80 घंटे से ज्यादा कोई इंसान बिना सोए नहीं रह सकता है।
सतीश कुमार पूरी तरह से स्वस्थ भी और और उन्हें कोई बीमारी भी नहीं है। हर दिन अपने काम पर भी जाते हैं। अब नहीं करवा रहे इलाज सतीश कहते हैं कि उन्होंने नींद नहीं आने की समस्या का इलाज एम्स, सफदरजंग, आरएमएल जैसे बड़े बड़े अस्पतालें में कराया, लेकिन डॉक्टरों ने हर जगह उन्हें हल्के में लिया।
सतीश ने बताया कि जब वह पहली बार इलाज के लिए एम्स गए थे तो उनकी परेशानी को जानकार डॉक्टर ने कहा फैमिली वालों को बुलाकर लाइए।
जब दूसरे दिन फैमिली वालों को लेकर गए और उन्होंने भी ऎसा ही कहा तब उन्होंने पहली बार मुझे दवा दी। डॉक्टरों ने नींद की हैवी होज मेडिसिन दी थी, लेकिन उसका असर नहीं हुआ था।
सतीश के बड़े बेटे सोनू ने कहा, पहले ऎसा नहीं था, पापा सुबह 9 बजे तक सोते थे, लेकिन पिछले 14 सालों से उन्हें नींद आ ही नहीं रही है। अब कई जगह दिखाने के बाद सतीश अपना इलाज नहीं करवा रहे हैं।
11 दिन का है रिकॉर्ड
साल 1964 में एक साइंस फेयर के दौरान 17 साल के रैंडी गार्डनर नाम के व्यक्ति ने 264 घंटे (लगभग 11 दिन) बिना सोए रह कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था।
इस दौरान इस छात्र ने फिजिकल और मेंटल प्रॉब्लम्स का अनुभव किया। स्टडी में पाया गया कि नींद की कमी से इंसान को मेंटल लेवल पर असर पड़ता है।
स्लीप स्टडी की जरूरत
दिल्ली की डॉक्टर मनवीर भाटिया के अनुसार एक रात की नींद खराब होने पर ब्लड शूटर से लेकर बीपी तक बढ़ जाता है, प्रोडक्टिविटी पर असर पड़ता है, इसलिए ऎसा संभव नहीं है।
कई बार लोगों को लगता है कि वे सो नहीं रहे हैं लेकिन वो नहीं में होते हैं। सतीश की स्लीप स्टडी होनी चाहिए उनकी बीमारी का पता चल सकता है। -
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