14 को सामुहिक कार्य बहिष्कार करेगे बिजली कर्मचारी
भारतीय मजदूर श्रमिक संघ, विद्युत तकनीकी कर्मचारी यूनियन ने दी लिया संयुक्त निर्णय, पूरे प्रदेश में होगा प्रदर्शन इंजीनियर एसोसिएशन 13 को तय करेगी रणनीति
बाड़मेर, 06 जुलाई।
बिजली कंपनियों को निजी हाथो में सौपने के विरोध मंे रविवार को विद्युत तकनीकी कर्मचारी यूनियन की बैठक प्रदेश संयोजक नरेन्द्रसिंह, संभाग अध्यक्ष आईदानसिंह ईंदा के सानिध्य मंे आयोजित हुई। बैठक में 14 जुलाई एक दिन का सांकेतिक कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया। इस विरोध प्रदर्शन के लिए भारतीय मजदूर श्रमिक संघ ने भी सहमति दी हैं, वह भी 14 जुलाई को धरना देगी। वहीं निजीकरण के विरोध के खिलाफ रणनीति तय करने के लिए इंजीनियर यूनियन 13 जुलाई को बैठक कर निर्णय लेगी।
बैठक में प्रदेश संयोजक नरेन्द्रसिंह ने कहा कि सरकार पीपीपी मॉडल के जरिये पहले शहरों को और बाद में ग्रामीण क्षेत्रों को निजी हाथो में देकर बड़ी निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती हैं, इससे बिजली कर्मचारियों के साथ ही आम जनता को भी नुकसान हैं। जनता को जहां बिजली मंहगी दरो पर मिलेगी वहीं कर्मचारियों को उनके काम की कोई गारंटी नहीं रहेगी। संभाग अध्यक्ष आईदानसिंह ईंदा ने बताया कि अगर कर्मचारी अभी नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब जनता और कर्मचारी निजी हाथो की कटपूतली बन जाए। उन्होंने सभी संगठनों से एक स्वर मंेे सरकार के इस निर्णय का विरोध करने का आव्हान किया। साथ ही आपसी मतभेद और विचारों की कड़वाहटन को भुलने का बात कही। जिला प्रवक्ता रमेश पंवार ने बताया कि बैठक में 14 जुलाई को सामुहिक रूप से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया। इसके तहत भारतीय मजदूर श्रमिक संघ और विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन से जुड़े सभी कर्मचारी अवकाश पर रहेगे। यह प्रदर्शन बाड़मेर सहित अन्य जिलो में भी 14 जुलाई को ही आयोजित होगा। प्रदर्शन को लेकर सोमवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एवं अधीक्षण अभियंता को प्रबंध निदेशक के नाम ज्ञापन सौपा जाएगा। बैठक में शिव, पचपदरा, पादरू, बाड़मेर शहर प्रथम एवं द्वितीय, एवं बाड़मेर ग्रामीण उपखण्ड सहित अन्य उपखण्डों के कर्मचारी मौजुद रहे, सभी ने एक स्वर मंे इस आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया।
बिजली कंपनियों को निजी हाथो में सौपने के विरोध मंे रविवार को विद्युत तकनीकी कर्मचारी यूनियन की बैठक प्रदेश संयोजक नरेन्द्रसिंह, संभाग अध्यक्ष आईदानसिंह ईंदा के सानिध्य मंे आयोजित हुई। बैठक में 14 जुलाई एक दिन का सांकेतिक कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया गया। इस विरोध प्रदर्शन के लिए भारतीय मजदूर श्रमिक संघ ने भी सहमति दी हैं, वह भी 14 जुलाई को धरना देगी। वहीं निजीकरण के विरोध के खिलाफ रणनीति तय करने के लिए इंजीनियर यूनियन 13 जुलाई को बैठक कर निर्णय लेगी।
बैठक में प्रदेश संयोजक नरेन्द्रसिंह ने कहा कि सरकार पीपीपी मॉडल के जरिये पहले शहरों को और बाद में ग्रामीण क्षेत्रों को निजी हाथो में देकर बड़ी निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाना चाहती हैं, इससे बिजली कर्मचारियों के साथ ही आम जनता को भी नुकसान हैं। जनता को जहां बिजली मंहगी दरो पर मिलेगी वहीं कर्मचारियों को उनके काम की कोई गारंटी नहीं रहेगी। संभाग अध्यक्ष आईदानसिंह ईंदा ने बताया कि अगर कर्मचारी अभी नहीं चेते तो वह दिन दूर नहीं जब जनता और कर्मचारी निजी हाथो की कटपूतली बन जाए। उन्होंने सभी संगठनों से एक स्वर मंेे सरकार के इस निर्णय का विरोध करने का आव्हान किया। साथ ही आपसी मतभेद और विचारों की कड़वाहटन को भुलने का बात कही। जिला प्रवक्ता रमेश पंवार ने बताया कि बैठक में 14 जुलाई को सामुहिक रूप से कार्य बहिष्कार का निर्णय लिया। इसके तहत भारतीय मजदूर श्रमिक संघ और विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन से जुड़े सभी कर्मचारी अवकाश पर रहेगे। यह प्रदर्शन बाड़मेर सहित अन्य जिलो में भी 14 जुलाई को ही आयोजित होगा। प्रदर्शन को लेकर सोमवार को जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम एवं अधीक्षण अभियंता को प्रबंध निदेशक के नाम ज्ञापन सौपा जाएगा। बैठक में शिव, पचपदरा, पादरू, बाड़मेर शहर प्रथम एवं द्वितीय, एवं बाड़मेर ग्रामीण उपखण्ड सहित अन्य उपखण्डों के कर्मचारी मौजुद रहे, सभी ने एक स्वर मंे इस आंदोलन को समर्थन देने का निर्णय लिया।
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