जयपुर। राज्य सरकार ने लोकायुक्त को लोकपाल की तर्ज पर ज्यादा शक्तिशाली बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है।
जल्द ही इसकी जांच के दायरे में मुख्यमंत्री का पद भी शामिल हो सकता है। इसके लिए मध्यप्रदेश और कर्नाटक की लोकायुक्त व्यवस्था का अध्ययन किया जा रहा है।
वहां की व्यवस्था में तुलनात्मक रूप से लोकायुक्त बेहद ताकतवर है। कार्मिक विभाग जल्द ही इस मामले में राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप देगा।
कार्मिक विभाग मध्यप्रदेश और कर्नाटक राज्यों में लागू लोकायुक्त व्यवस्था के नियमों, कानूनों व प्रावधानों का अध्ययन कर रहा है। बताया जाता है कि इन दोनों राज्यों में लोकायुक्तों को लगभग वही शक्तियां दी हुई हैं, जिनका जिक्र लोकपाल कानून में है।
इसके लिए कार्मिक विभाग ने राज्य के लोकायुक्त एस.एस.कोठारी से भी जानकारियां मांगी है। गौरतलब है कि कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येडि्डयुरप्पा के खिलाफ लौह खान घोटाला मामले में लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने जांच की थी। बाद में येड्डी को अपने पद से जाना पड़ा था।
कार्मिक विभाग मध्यप्रदेश और कर्नाटक राज्यों में लागू लोकायुक्त व्यवस्था के नियमों, कानूनों व प्रावधानों का अध्ययन कर रहा है। बताया जाता है कि इन दोनों राज्यों में लोकायुक्तों को लगभग वही शक्तियां दी हुई हैं, जिनका जिक्र लोकपाल कानून में है।
इसके लिए कार्मिक विभाग ने राज्य के लोकायुक्त एस.एस.कोठारी से भी जानकारियां मांगी है। गौरतलब है कि कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येडि्डयुरप्पा के खिलाफ लौह खान घोटाला मामले में लोकायुक्त संतोष हेगड़े ने जांच की थी। बाद में येड्डी को अपने पद से जाना पड़ा था।
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