संबोधन भाषण में जयपुर स्टेषन के 400 अधिकारी उपस्थित थे तथा अन्य अधिकारियों को विडियो कान्फ्रेन्सिंग के द्वारा संबोधित किया गया। सीओएएस ने अपने संबोधन भाषण में उनके द्वारा अनेक युद्धाभ्यासों, जिसमें विदेषी सेनाओं के साथ किए गए युद्धाभ्यास भी शामिल हैं, में प्रदर्षित की गई व्यवसायिक दक्षता के लिए प्रषंसा की। उन्होंने वर्तमान समय में व्याप्त बाह्य और आंतरिक सुरक्षा वातावरण के बारे में बार-बार दोहराया और इन असंख्य सुरक्षा संबंधी चुनौतियों पर निजात पाने के लिए विषेष प्रयास करने पर भी जोर दिया। सेना प्रमुख ने कहा कि सषस्त्र सेनाओं का आधुनिकीकरण, अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग, काम में एकजुटता, नेटवर्क केन्द्रस्थ का विकास आदि आॅपरेषनल तैयारियाॅं और श्रेष्ठता का मूलमंत्र है। उन्होंने समृद्ध मिलिट्र्ी परम्परा, संस्कारों एवं मूल्यों पर आधारित व्यवस्था पर विषेष जोर दिया और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन सही ढंग से करने की नितान्त आवष्यकता है। सेना प्रमुख ने कहा कि भूतपूर्व सैनिक हमारे परिवार के सदस्य हैं।
इनकी देखभाल करना हमारा परम कर्तव्य है। सप्त शक्ति द्वारा भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण हेतु शुरू की गई विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की उन्होंने प्रषंसा की। सेना प्रमुख ने रेजिमेन्ट के आॅनरेरी कर्नल होने के नाते 61 कैवेलरी का भी दौरा किया। श्रीमती बबल्स सिंह, अध्यक्षा केन्द्रीय आवा, सप्त शक्ति कमान के आवा परिवारों से भी मिलीं तथा आवा द्वारा शुरू की जारी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने में उनके द्वारा किए जा रहे भरपूर सहयोग के लिए उनका धन्यवाद किया। उन्होंने सभी आवा परिवारों को सुखी और उन्नत जीवन जीने पर विषेष बल दिया। सीओएएस आज दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
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