नई दिल्ली
दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल को दिल्ली के पटियाला कोर्ट ने नितिन गडकरी अवमानना केस में बेल बॉन्ड न भरने के बाद तिहाड़ जेल भेज दिया। केजरीवाल को 23 मई तक न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।
केजरीवाल को जेल भेजने के खिलाफ देर शाम आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने तिहाड़ के बाहर जमकर हंगामा किया। जैसे ही आप कार्यकर्ताओं को केजरीवाल को तिहाड़ भेजने की खबर मिली, वे तिहाड़ के बाहर जमा होने शुरू हो गए। संजय सिंह, योगेंद्र यादव समेत आप के कई बड़े नेता वहां पहुंच गए।
इसके बाद उन्होंने वहां प्रदर्शन शुरू कर दिया। आप कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से हरकत में आई पुलिस तुरंत उन्हें वहां से हटाने में जुट गई। इस दौरान आप कार्यकर्ताओं से उनकी हल्की झड़प भी हुई। आम कार्यकर्ता वहां से हटने को तैयार नहीं थे। पुलिस योगेंद्र यादव, संजय सिंह समेत आप के दूसरे नेताओं को घसीटते हुए वहां से ले गई। इस हंगामे से जेल रोड पर ट्रैफिक जाम लग गया। पुलिस ने अब तिहाड़ के आसपास धारा 144 लगा दी है।
तिहाड़ के पास जाम
नितिन गडकरी ने केजरीवाल पर जनवरी में आपराधिक मानहानि का केस किया था। आपराधिक मानहानि के केस में केजरीवाल को कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया गया था, लेकिन केजरीवाल ने चुनाव प्रचार में व्यस्त होने की बात कह कोर्ट से समय मांगा था। बुधवार को मामले की सुनवाई के दौरान पटियाला हाउस कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को जेल भेजने से पहले उनके सामने जमानत लेने का रास्ता भी रखा था। कोर्ट ने केजरीवाल को 10 हजार का मुचलका भरकर जमानत लेने को कहा था, लेकिन केजरीवाल ने मुचलका भरने और जमानत लेने से इनकार कर दिया।
बेल बॉन्ड भरने से इनकार पर कोर्ट ने केजरीवाल से पूछा कि क्या वह ऐसा चाहते हैं कि उनके साथ कुछ विशेष तरह का व्यवहार किया जाए? दरअसल सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने मेट्रोपॉलिटन मैजिस्ट्रेट गोमती मनोचा से कहा कि वह यह हलफनामा देने को तैयार हैं कि वह कोर्ट के समक्ष पेश होंगे, लेकिन बेल बॉन्ड नहीं भरेंगे।
इस पर मैजिस्ट्रेट ने कहा, 'मैं पूरी तरह सहमत हूं, लेकिन वह (केजरीवाल) बेल के लिए बॉन्ड क्यों नहीं भरेंगे? क्या समस्या है? एक प्रक्रिया है और हमें इस मामले में दूसरी प्रक्रिया क्यों अपनानी चाहिए? मैं सहमत हूं कि वह कोर्ट में पेश होंगे, लेकिन प्रक्रिया यह है कि किसी भी व्यक्ति को बेल के लिए बॉन्ड भरना होता है। क्या आप चाहते हैं कि आपके साथ कोई विशेष तरह का व्यवहार किया जाए?' इसके बाद कोर्ट ने केजरीवाल को 23 मई तक की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले की अगली सुनवाई 23 मई को होगी।
नितिन गडकरी की वकील पिंकी आनंद ने कहा कि केजरीवाल विवादित बयान देकर चर्चा में रहना चाहते हैं। उन्होंने जान बूझकर जमानत लेने से इनकार किया। बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने इसे पूरी तरह से पब्लिसिटी स्टंट करार दिया है।
दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया ने केजरीवाल के बेल बॉन्ड न भरकर जेल जाने के फैसले को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि आप के नेताओं पर सैकड़ों मुकदमे दर्ज हैं और हमने किसी में भी बेल बॉन्ड नहीं भरा है।
सिसोदिया ने कहा कि जब हमने कुछ गलत नहीं किया है, तो फिर बेल बॉन्ड क्यों भरें। उन्होंने कहा कि हमें जेल भेजा जा रहा है, वाकई अच्छे दिन आ गए। वहीं, आप नेता गोपाल राय ने कहा कि सारी परिस्थितियों को देखकर आगे फैसला किया जाएगा।
आप लीडर आशुतोष ने कहा कि जमानत के लिए बॉन्ड नहीं भरना कोई अपराध नहीं है। हम जेल जाने के लिए तैयार हैं। कांग्रेस लीडर मनीष तिवारी ने जमानत नहीं लेने के केजरीवाल के फैसले के बारे में कहा कि अरविंद केजरीवाल और उनके वकील ही इस बारे में बेहतर बता सकते हैं।
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