जयपुर। लोकसभा चुनाव के बाद आए नतीजों का असर दिखने लगा है। असर दिखा है बिहार में। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नतीजा आने के दूसरे दिन ही इस्तीफा दे दिया है।
इसके पीछे लोकसभा चुनाव में मिली जदयू को करारी हार कारण माना जा रहा है। अपने इस फैसले पर नीतीश कुमार ने अभी कोई बयान जारी नहीं किया है। नीतीश कुमार के इस्तीफे पुष्टि उनकी सेक्रेटरी अंजली ने की है।
अंजली ने बताया कि शाम पांच बजे प्रेस कांफ्रेंस कर नीतीश कुमार अपने इस्तीफे के बारे में बताएंगे। उन्होंने अपना इस्तीफा वहां के राज्यपाल को दिया है।
नीतीश कुमार को लग रहा था कि अगर मोदी सरकार केंद्र में आएगी तो उनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी जाएंगी। उनकी कल्याणकारी योजनाओं को प्रभावित कर दिया जाएगा और उनकी छवि को बिहार में खराब कर दिया जाएगा। इस कारण उन्होंने इस्तीफा दे दिया है।
चुनावी नतीजे
बताते चलें कि नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बिहार में अपने 38 उम्मीदवार खड़े किए थे। इन 38 सीटों पर जदयू मात्र दो सीटें निकाल सकी। नीतीश कुमार को बिहार में उनकी इस हालत की जरा भी उम्मीद नहीं थी।
मोदी से पहले रिश्ता खराब कर चुके नीतीश को अब इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं सुझा। चुनाव के नतीजों से पहले ही हाल ही में बीजेपी से हाथ मिला चुके राम विलास पासवान ने कहा था कि नीतीश कुमार की पार्टी लोकसभा चुनाव में बुरी तरह हारेगी।
अब चर्चा जोरों पर है कि बिहार में जल्द ही भाजपा सरकार का शासन होगा। नीतीश कुमार के इस्तीफे को कुछ राजनेता सोची-समझी चाल बता रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि जनता में अपना सम्मान बरकरार रखने के लिए नीतीश कुमार ने यह कदम उठाया है।
आने वाले कुछ दिनों में बिहार में फिर चुनाव होंगे। चुनाव में जनता जिसे चुनेगी वही बिहार में सरकार बना सकेगा।
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