मुजफ्फरनगर। भारतीय जनता पार्टी नेता और नरेन्द्र मोदी के करीबी सहयोगी अमित शाह के खिलाफ जिला प्रशासन ने रविवार को भड़काऊ भाषण देने के आरोप में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कर ली है। मुजफ्फरनगर में दंगा प्रभावित एक गांव मे समुदाय विशेष से अपील करते हुए शाह ने कहा था कि अगर उन्हें दंगो का बदला लेना है तो आगामी आम चुनावों में उनकी पार्टी को मत दें। कांग्रेस ने अमित शाह की इस टिप्पणी पर विरोध जताते हुए उनकी शिकायत चुनाव आयोग में कर दी थी।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि अमित शाह के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए। साथ ही कांग्रेस ने उनके चुनाव प्रचार पर रोक की भी आयोग से मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि शाह ने समुदायों में दुश्मनी पैदा करने वाला बयान दिया है। इससे प्रदेश का सौहार्द बिगड़ सकता है।
भाजपा नेता ने कहा कि मुगलों के समय बदला लेने के लिए तलवार और तीरों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन आज के समय मे किसी मामले को सुलझा ने के लिए ऎसा नहीं किया जा सकता।
मुजफ्फरनग दंगों से निपटने मे कोताही बरतने के चलते अप्रत्यक्ष रूप से समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, मामले में न्याय नहीं हुआ है और चुनावों में इसका बदला लेने का वक्त आ गया है। उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि मतदान दिवस के दिन सही बटन दबाक भाजपा को सत्ता मे लाएं।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगो में 65 लोग मारे गए थे, जबकि 50 हजार लोग बेघर हो गए थे।
चुनावो मे उत्तर प्रदेश के इन-चार्ज शाह ने बदले की बात गांधी कॉलोनी में भी लोगों को संबोधित करते हुए कही। शाह ने कहा, इंसान खाना या नींद के बिना रह सकता है। वह भूखा-प्यासा भी रह सकता है, लेकिन अगर कोई उसकी बेइज्जती कर दे तो वह नहीं रह सकता। अपमान का बदला तो लेना पड़ेगा।
मजे की बात यह है कि शाह के साथ भाजपा नेता सुरेश राना भी साथ थे जिन पर दंगें भड़काने का आरोप है। शाह ने आगे कहा, किसी में हिम्मत नहीं है कि नरेन्द्र मोदी शासित गुजरात में दंगें भड़का सके।
बिजनौर पर समर्थकों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, अगर नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो अगले दिन ही मुल्ला मुलायम सरकार बर्खास्त कर दी जाएगी।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, शाह के भाषणों से फासीवादी की बू आती है। जदयू नेता के सी त्यागी ने भी भाजपा नेता के बयान की निंदा की। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, शाह खुले आम एक समुदाय को दूसरे समुदाय से बदला लेने के लिए भड़का रहे हैं। उनके ऊपर कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
कांग्रेस ने चुनाव आयोग से मांग की थी कि अमित शाह के खिलाफ केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए। साथ ही कांग्रेस ने उनके चुनाव प्रचार पर रोक की भी आयोग से मांग की है। कांग्रेस ने कहा कि शाह ने समुदायों में दुश्मनी पैदा करने वाला बयान दिया है। इससे प्रदेश का सौहार्द बिगड़ सकता है।
भाजपा नेता ने कहा कि मुगलों के समय बदला लेने के लिए तलवार और तीरों का इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन आज के समय मे किसी मामले को सुलझा ने के लिए ऎसा नहीं किया जा सकता।
मुजफ्फरनग दंगों से निपटने मे कोताही बरतने के चलते अप्रत्यक्ष रूप से समाजवादी पार्टी पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, मामले में न्याय नहीं हुआ है और चुनावों में इसका बदला लेने का वक्त आ गया है। उन्होंने लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि मतदान दिवस के दिन सही बटन दबाक भाजपा को सत्ता मे लाएं।
गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए दंगो में 65 लोग मारे गए थे, जबकि 50 हजार लोग बेघर हो गए थे।
चुनावो मे उत्तर प्रदेश के इन-चार्ज शाह ने बदले की बात गांधी कॉलोनी में भी लोगों को संबोधित करते हुए कही। शाह ने कहा, इंसान खाना या नींद के बिना रह सकता है। वह भूखा-प्यासा भी रह सकता है, लेकिन अगर कोई उसकी बेइज्जती कर दे तो वह नहीं रह सकता। अपमान का बदला तो लेना पड़ेगा।
मजे की बात यह है कि शाह के साथ भाजपा नेता सुरेश राना भी साथ थे जिन पर दंगें भड़काने का आरोप है। शाह ने आगे कहा, किसी में हिम्मत नहीं है कि नरेन्द्र मोदी शासित गुजरात में दंगें भड़का सके।
बिजनौर पर समर्थकों को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, अगर नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं तो अगले दिन ही मुल्ला मुलायम सरकार बर्खास्त कर दी जाएगी।
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा, शाह के भाषणों से फासीवादी की बू आती है। जदयू नेता के सी त्यागी ने भी भाजपा नेता के बयान की निंदा की। कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, शाह खुले आम एक समुदाय को दूसरे समुदाय से बदला लेने के लिए भड़का रहे हैं। उनके ऊपर कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए।
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