शनिवार, 12 अप्रैल 2014

इन तीन बागियों ने छीना पार्टियों का चैन


इन तीन बागियों ने छीना पार्टियों का चैन


जोधपुर। राजस्थान के मारवाड अंचल में आने वाले पांच संसदीय क्षेत्रों में से तीन पर निर्दलीय उम्मीदवार भारतीय जनता पार्टी एवं कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों का चुनावी गणित बिगाड़ने में जुटे हुए हैं तथा चुनावी मुकाबलों को त्रिकोणीय बना दिया है।
independent candidates spoil parties game in marwar
मारवाड में सात जिले जोधपुर, पाली, जालोर, सिरोही, बाडमेर, जैसलमेर एवं नागौर शामिल है और इन जिलों में पांच संसदीय क्षेत्र आते हैं। इस बार चुनावों में इस अंचल की बाडमेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर सब की नजर टिकी हुई है। क्योंंकि भाजपा ने इस क्षेत्र से कांग्रेसी नेता कर्नल सोनाराम को पार्टी में शामिल कर टिकट दिया जिसका काफी विरोध हुआ और इसी विरोध के चलते भाजपा के वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया तथा कांग्रेस प्रत्याशी हरीश चौधरी को हाशिए पर लाते हुए भाजपा के कर्नल सोनाराम को कड़ी टक्कर देकर दे रहे हैं।

इस संसदीय क्षेत्र में कुल 11 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनमें आम आदमी पार्टी के मांगीलाल गौड़ एवं बहुजन समाज पार्टी के भालम सिंह शामिल है। जालोर सिरोही सुरक्षित क्षेत्र से कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता बूटासिंह (निर्दलीय) भाजपा के देवजी पटेल एवं कांग्रेस के उदयलाल आंजना को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। कांग्रेस के प्रत्याशी को बाहरी माना जा रहा है और इसका लाभ बूटा सिंह के मिल रहा है।

सिंह इस क्षेत्र से सात बार चुनाव लड़ चुके हैं और निर्दलीय एवं कांग्रेस टिकट पर चार बार जीत दर्ज कर चुके हैं। वह इस बार आठवीं बार चुनाव मैदान में हैं। गत चुनावों में भी सिंह निर्दलीय चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस प्रत्याशी को तीसरे स्थान पर धकेलने में कामयाब रहे थे और देवजी पटेल से करीब 44 हजार मतों से हारे थे। इस क्षेत्र से कुल 16 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं और इनमें आप एवं बसपा सहित 9 निर्दलीय शामिल हैं।

इसी प्रकार नागौर संसदीय क्षेत्र से खींवसर से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने निर्दलीय चुनाव मैदान में उतर कर दोनों ही दलों के प्रत्याशियों का चुनावी गणित बिगाड़ दिया है और चुनावी मुकाबले को त्रिकोणीय बना रखा है। यहां भाजपा ने सी आर चौधरी एवं कांग्रेस ने ज्योति मिर्धा को अपना उम्मीदवार बनाया है। इन दोनों के बीच इन्हीं की जाति के हनुमान बेनीवाल ने चुनावी मैदान में आकर जातिगत समीकरण बिगाड़ दिए हैं। -  

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