जयपुर। लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में राजस्थान की 20 लोकसभा सीटों पर मतदाताओं ने रेकार्ड मतदान किया। राज्य में छिटपुट घटनाओं को छोड़ मतदान शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। राज्य में करीब 65 फीसद मतदान होने का अनुमान है। बाड़मेर सीट पर भी भारी मतदान से उम्मीदवारों के समीकरण गड़बड़ा गए हैं।
राज्य में गुरुवार को 25 लोकसभा सीटों में से 20 पर मतदान हुआ। राज्य में बाकी पांच लोकसभा सीटें अति संवेदनशील मानी गई है और वहां 24 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। बाड़मेर सीट पर भी रेकार्ड मतदान हुआ। इस सीट पर भाजपा के बागी वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह भी मैदान में है। बाड़मेर में जसवंत का मुकाबला भाजपा के सोनाराम के साथ ही कांग्रेस के हरीश चौधरी से है। तिकोने संघर्ष के कारण ही बाड़मेर में भारी मतदान हुआ। बाड़मेर के अलावा श्रीगंगानगर, बीकानेर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर, जयपुर ग्रामीण, जयपुर शहर, अजमेर, नागौर, पाली, जोधपुर, जालोर, उदयपुर, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ, राजसमंद, भीलवाड़ा, कोटा और झालावाड़ संसदीय सीटों पर वोट डाले गए। कांग्रेस और भाजपा के सीधे मुकाबले वाले इस चुनाव में करीब आधा दर्जन सीटों पर दमदार निर्दलीय उम्मीदवारों ने संघर्ष को तिकोनी लड़ाई में बदल दिया है।
निर्वाचन विभाग के अनुसार 20 सीटों पर 239 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं। कांग्रेस और भाजपा ने इन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे है। इन सीटों पर करीब 15 दिन तक चले प्रचार अभियान के दौरान दोनों दलों ने एक दूसरे पर जम कर आरोप-प्रत्यारोप के दौर चलाए। इन 20 सीटों में से 16 पर अभी कांग्रेस का कब्जा है। भाजपा के पास चार सीटें
है। इस बार तीन पूर्व केंद्रीय मंत्रियों ने अपने दलों से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा। इनमें बाड़मेर सीट पर जसवंत सिंह, जालोर में बूटा सिंह और सीकर में सुभाष महरिया हैं। इनके अलावा कांग्रेस की तरफ से अजमेर में केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट, चितौड़गढ में गिरिजा व्यास और जोधपुर में चंद्रेश कुमारी की किस्मत भी गुरुवार को वोटिंग मशीन में बंद हो गई। कांग्रेस के महासचिव सीपी जोशी का जयपुर ग्रामीण में भाजपा के राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के साथ कड़ा मुकाबला राजनीतिक दलों में कौतूहल का विषय रहा।
भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे दुष्यंत सिंह झालावाड़ में कांग्रेस के पूर्व मंत्री प्रमोद जैन से जूझ रहे हैं। भाजपा ने अजमेर में सचिन पायलट को टक्कर देने के लिए अपने मंत्री सांवरलाल जाट को मैदान में उतार कर सीट छीनने की रणनीति पर काम किया।
निर्वाचन विभाग के अनुसार प्रदेश में मतदान के दौरान कहीं भी अप्रिय घटनाएं नहीं हुई। अजमेर संसदीय क्षेत्र में दो तीन इलाकों में मामूली बात को लेकर कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं में मारपीट की घटनाएं हुई। प्रशासन और पुलिस के आला अफसरों ने मौके पर पहुंच कर हालात को काबू किया। कोटा में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने बोगस मतदाताओं को लेकर शिकायत की। इस पर जिला निर्वाचन अधिकारी ने पड़ताल कर इसे गलत करार दिया और कहा कि सभी योग्य मतदाताओं को मतदान करने दिया गया है। कई मतदान केंद्रों पर वोटिंग मशीन में तकनीकी गड़बड़ी की शिकायतें सामने आई। इसके चलते ही मतदान की प्रक्रिया में बाधा पहुंची। इसके अलावा कुछ जगहों पर मतदाताओं ने मतदान का बहिष्कार करने की सूचना भी है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें