नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की दिलचस्पी वाले भ्रष्टाचार विरोधी विधेयकों पर अध्यादेश लाने के रास्ते को खारिज कर दिया है। हालांकि उसने जाट समुदाय के लोगों के लिए आरक्षण और आंध्र प्रदेश पुनर्गठन विधेयक में हुए बदलाव को अपनी मंजूरी दे दी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज हुई विशेष बैठक में आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद सीमांध्र को विशेष दर्जा दिए जाने के फैसले में मुहर लगा दी गई।
कैबिनेट की इस बैठक से पहले एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे और अहमद पटेल सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की।
इस पहले कानून मंत्री कपिल सिब्बल और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। केंद्र सरकार को भरोसा नहीं था कि राष्ट्रपति इन अध्यादेशों को मंजूरी दे देंगे और इसी कारण वह इन अध्यादेशों को लेकर पसोपेश में थी और ऎसे में उनकी यह मुलाात काफी अहम मानी जा रही थी।
गौरतलब है कि ये अध्यादेश शुक्रवार की कैबिनेट की कार्यसूची में थे, लेकिन उन्हें टाल दिया गया था। इन अध्यादेशों में भ्रष्टाचार निर्मूलन (संशोधन) विधेयक और समय पर मालों एवं सेवाओं की आपूर्ति के लिए नागरिकों के अधिकार एवं उनके शिकायत निवारण विधेयक शामिल हैं। दोनों का रिश्ता भ्रष्टाचार से है। ये भ्रषटाचार विरोधक विधेयकों में शामिल हैं, जिन्हें राहुल गांधी आगे बढ़ा रहे हैं।
इनके अलावा अनुसूचित जाति-जनजाति (उत्पीड़न निर्मूलन) संशोधन विधेयक, अक्षमता वाले व्यक्ति के अधिकार, सुरक्षा कानून (संशोधन) विधेयक और दिल्ली उच्च न्यायालय अधिनियम (संशोधन) विधेयक भी शामिल है। इन विधेयकों को शोर शराबे के चलते संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र में पारित नहीं कराया जा सका।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज हुई विशेष बैठक में आंध्र प्रदेश के बंटवारे के बाद सीमांध्र को विशेष दर्जा दिए जाने के फैसले में मुहर लगा दी गई।
कैबिनेट की इस बैठक से पहले एके एंटनी, सुशील कुमार शिंदे और अहमद पटेल सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने आज प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से उनके आवास पर मुलाकात की।
इस पहले कानून मंत्री कपिल सिब्बल और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कल राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी। केंद्र सरकार को भरोसा नहीं था कि राष्ट्रपति इन अध्यादेशों को मंजूरी दे देंगे और इसी कारण वह इन अध्यादेशों को लेकर पसोपेश में थी और ऎसे में उनकी यह मुलाात काफी अहम मानी जा रही थी।
गौरतलब है कि ये अध्यादेश शुक्रवार की कैबिनेट की कार्यसूची में थे, लेकिन उन्हें टाल दिया गया था। इन अध्यादेशों में भ्रष्टाचार निर्मूलन (संशोधन) विधेयक और समय पर मालों एवं सेवाओं की आपूर्ति के लिए नागरिकों के अधिकार एवं उनके शिकायत निवारण विधेयक शामिल हैं। दोनों का रिश्ता भ्रष्टाचार से है। ये भ्रषटाचार विरोधक विधेयकों में शामिल हैं, जिन्हें राहुल गांधी आगे बढ़ा रहे हैं।
इनके अलावा अनुसूचित जाति-जनजाति (उत्पीड़न निर्मूलन) संशोधन विधेयक, अक्षमता वाले व्यक्ति के अधिकार, सुरक्षा कानून (संशोधन) विधेयक और दिल्ली उच्च न्यायालय अधिनियम (संशोधन) विधेयक भी शामिल है। इन विधेयकों को शोर शराबे के चलते संसद के विस्तारित शीतकालीन सत्र में पारित नहीं कराया जा सका।
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