रविवार, 9 मार्च 2014

आज युवा लेखक लिखेंगे क्रांति की कहानी :वाटर मेन

आज युवा लेखक लिखेंगे क्रांति की कहानी :वाटर मेन

     भागीरथी पुस्तक का हुआ अनावरण,वाटर मेन ने सराहा थार का काम 

बाड़मेर 
आज का जमाना युवाओ का जमाना है और हर बार की तरह इस बार भी युवा ही क्रांति  की नई इबारत लिखेंगे। लेखन के क्षेत्र में अनुभव वाले लेखको के साथ-साथ युवा लेखक भी अपनी लेखनी से समाज में बड़े बदलाव की नई कहानी लिखेंगे यह कहना है मेग्सेसे अवार्ड विजेता वाटर मेन राजेन्द्र सिंह का।  उन्होंने यह बात पानी की पूरी कहानी को अपने अंदर समेटने  वाली पुस्तक भागीरथी के विमोचन के अवशर पर कही। सीकर के लक्ष्मणगढ़ स्थित मोदी इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस आयोजित भागीरथी के विमोचन समारोह में वाटर मेन ने कहा कि राजस्थान में पानी हमेशा से ही आम जनता के लिए किसी जंग से कम नही रहा  है यहा के जीवट ग्रामीणो ने पानी सहेजने की  अपनी कला से पुरे जहाँ को सीख दी है लेकिन वर्त्तमान में इसी राज्य में पानी के अपव्यय की घटनाओ ने हर किसी को सोचने पर मजबूर कर दिया ऐसे में जल बचत की बातो को करीने से सजाकर लोगो के सामने पेश करने की युवा लेखको की  कोशिशे सराहनीय है। बाड़मेर के युवा लेखक अशोक सिंह राजपुरहोत कि पुस्तक भागीरथी का विमोचन समरोह मोदी इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस में एक सादे समारोह में आयोजित किया गया।  इस अवसर पर मोदी इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस के वाइस चांसलर प्रोफेसर एन वी सुब्बारेडी ने कहा कि आज समाज बदलाव चाहता है और यह बदलाव युवा लेखक ही कर सकते है। पानी पर अपनी लेखनी से हर एक जल योद्धा कि तह जल बचत करने वाला बनाना सही में समाज के हित में नई मंजिल है। इस मोके पर मोदी इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस के डीन प्रोफ़ेसर सतीस शास्त्री ने कहा कि बाड़मेर-जैसलमेर  पानी को लेकर हमेशा देश में एक काले पानी के इलाके की तरह रहा है लेकिन इसी बाड़मेर-जेसलमेर में परम्परागत पेयजल स्रोतो के संरक्षण के लिए जो प्रयास वर्त्तमान समय में होने चाहिए वह नही हो रहे हे।  आज पानी की बात को लोगो के सामने लेन की जरूरत थी जिसे यह पुस्तक पूरा करेगी। इससे पहले भागीरथी के विमोचन समरोह कि शुरुवात सरस्वती वंदना से हुई। मोदी इस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी एंड साइंस की  छात्राओ ने वाटर मेन से पानी को लेकर कई बाते की जिन्हे उन्होंने अपने शब्दो में बया  भी किया। भागीरथी पुस्तक के सम्पादक अशोक सिंह राजपुरोहित और सह संपादक प्रवीण  बोथरा ने इस पुस्तक को लेकर दर्शको के सामने अपनी बात राखी और मौजूद दर्शको के कई सवालो के जवाब भी दिया।

संग्रहणीय कृति है भागीरथी  
रेगिस्तानी बाड़मेर के लिए पानी हमेशा से ही यहा के जीवन में एक परशानी की  रूप में रहा है।  जनता की सहकार के बाद सरकार पर बढ़ी निर्भरता ने इस इलाके में लोगो की मुमुश्किलो को और बढ़ा दिया।  इसके बाद सरकार  ने  परियोजनाओ से लोगो को रुबरु करवाया। जिले भर में पानी को लेकर हुए कामो के साथ साथ इससे हमारे अतीत के नाते से आने वाले कल को लेकर  को एक साथ बया  करती है पुष्तक भागीरथी। बाड़मेर में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग कि सी सी डी यू इकाई में कार्यरत अशोक सिंह राजपुरोहित इस पुस्तक के सम्पादक है और वरिस्ठ  पत्रकार चनदन सिंह भाटी  मदन बारुपाल और प्रवीण बोथरा ने इस पुस्तक में सह संपादक का काम बखूबी अंजाम दिया है।  जिले में पानी को लेकर लोगो ख़ास कार्यो के साथ साथ पानी की  सफलता की  कहानिया अपने अंदर समेटने वाली इस पुस्तक का छायांकन सवाई  माली ने किया है और इस पुस्तक की सजसज्जा का काम किया है अमित माथुर ने। पुस्तक मौजूदा जन प्रतिनिधियो के पानी को लेकर ख्यालात को भी पाठको के सामने रखती नजर। आएगी   डाक्टर दीपक आचार्य , जफर खान सिंधी , किशोर जाखड़, भुवनेश जैन ,उदय पुरोहित,पूनम सिंह राठोर,कन्हैया लाल डलोरा ,चन्दा यश ठाकुर,सुरेश जाटव,विनोद विश्नोई और दुर्गसिंह राजपुरोहित समेत एक दर्जन के करीब लेखको ने भी अपनी रचनाओ से इस पुस्तक को अपना लेखन कौशल प्रदान  किया है। एक सो बीस पेज की बहुरंगीय यह पुस्तक पानी पर अपनी सोच और सकारात्मक रुख रखने के साथ साथ अपनी रूचि रखने वालो के लिए यकीनन संग्रहणीय कृति है।    

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