कराची। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में चल रहे उत्सव ने उस समय एक नया मोड ले लिया जब सिंध सरकार ने पाकिस्तान सरकार से निवेदन किया कि वह विश्व के प्रसिद्ध प्राचीन स्थलों में से एक मोहन जोदड़ो से प्राप्त की गई नर्तकी की मूर्ति को भारत से जल्द लौटाने की मांग करें।
वर्ष 1946 से यह मूर्ति भारत के पास है । सिंध प्रांत के मंत्रीमंडल के मंत्री ने समाचार पत्र (डान) को बताया कि इस संबंध में उन्होंने पाकिस्तान सरकार से आग्रह किया है ।
मोहन जोदड़ो में हुई खुदाई से दो मूर्तियां प्राप्त हुई थी जिनमें एक राजा तथा एक महिला नर्तकी की मूर्ति है। अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 1946 में भारत में संपन्न हुई प्रर्दशनी के दौरान ये मूर्तियां ब्रिटेन के पुरातत्वविद सर मोर्टिमर व्हीलर द्वारा भारत पहुंचाई गई थी लेकिन उसके बाद से वे वापस पाकिस्तान नहीं भेजी गई।
वर्ष 1947 में विभाजन के बाद भारत से पृथक होकर अलग देश के रूप में अस्तित्व में आए पाकिस्तान ने भारत से इन मूर्तियों समेत अन्य मूर्तियों को वापस भेजने का अनुरोध किया था। कुछ समय पहले एक पाकिस्तानी अधिकारी ने नई दिल्ली में नर्तकी तथा बुद्ध की मूर्ति को अपने साथ पाकिस्तान ले जाने की बात कही लेकिन भारत ने उन्हे ऎसा करने की अनुमति नहीं दी।
पुरातत्वविदों के अनुसार यूनेस्को की नियमावली 1972 के तहत इस प्रकार की ऎतिहासिक कला कृतियों पर उस देश का मालिकाना हक होगा जहां पर ये कला कृतियां पाई जाएंगी।
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