नौसेना प्रमुख एडमिरल डी. के. जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने बुधवार की सुबह ही हुई आईएनएस सिंधुरत्न पनडुब्बी दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा दिया. रक्षा मंत्रालय ने नौसेना प्रमुख का इस्तीफा स्वीकार लिया है. वाइस एडमिरल रॉबिन धवन नियमित प्रमुख की नियुक्ति होने तक कार्यवाहक नौसेना प्रमुख का कार्य संभालेंगे.
रूस निर्मित पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरत्न बुधवार को ही मुंबई तट से 80 किलोमीटर दूर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था. इसमें सात नौसैनिक जख्मी हुए जबकि दो अभी भी लापता हैं. दुर्घटना के समय पनडुब्बी में 70 अधिकारी और सैन्यकर्मी मौजूद थे और यह पानी के अंदर थी.
1988 में सेना में शामिल किए गए सिंधुरत्न का हाल ही में मुंबई में मरम्मत करवाया गया था और दिसम्बर में इसे वापस नौसेना को सौंपा गया था. अभी इसे दो अभ्यास से गुजरना था- एक बंदरगाह पर और दूसरा समुद्र में. इसके बाद इसे अभियान तैनाती की मंजूरी दी जानी थी. जब दुर्घटना हुई तो यह समुद्र में अभ्यास पर थी.
सात महीने में तीसरी पनडुब्बी दुर्घटना
भारतीय नौसेना युद्धक के दुर्घटनाग्रस्त होने की यह दसवीं घटना है और पिछले सात महीने में यह तीसरी पनडुब्बी दुर्घटना है. करीब एक महीने पहले आईएनएस सिंधुघोष उस समय बाल-बाल बच गयी जब कम ज्वार के दौरान इसने मुंबई बंदरगाह पर प्रवेश किया और यह दुर्घटनाग्रस्त होते-होते बची. आईएनएस सिंधुरक्षक पिछले वर्ष मुंबई बंदरगाह के पास डूब गई जिससे उस पर सवार सभी 18 कर्मियों की मौत हो गई. रक्षा मंत्री ए. के. एंटनी ने इस मुद्दे पर नौसेना से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है.
इस महीने की शुरुआत में युद्धक पोत आईएनएस ऐरावत दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिसके बाद कमांडिंग अधिकारी को कमान ड्यूटी से हटा दिया गया.
पश्चिमी कमान में कई दुर्घटनाओं से नौसेना मुख्यालय चिंतित है और इस मुद्दे पर उसने पश्चिमी नौसेना के कमांडर वाइस एडमिरल शेखर सिन्हा को तलब किया है.
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