नई दिल्ली। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मंजूर कर लिया है और यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है।
उपराज्यपाल नजीब जंग के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित उनके मंत्रिमंडल का इस्तीफा राष्ट्रपति ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार लिया है।
शिंदे ने दी जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने लोकसभा में बताया कि मुखर्जी ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश स्वीकार कर ली है।
शिंदे ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा पेश जन लोकपाल विधेयक एक वित्त विधेयक था और नियमानुसार इसे पेश करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक थी।
अन्ना का प्रहार
कुछ दिन पहले केजरीवाल की जमकर तारीफ करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर अपना रूख बदल लिया है। अब अन्ना ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के दिल में समाज और देश नहीं, सिर्फ सत्ता है वो उसी के पीछे पड़ी है।
उन्होंने कहा कि अगर जनलोकपाल लाने पर कोई संवैधानिक अड़चन थी तो सब बैठकर उसे सुलझा सकते थे। हालांकि जनलोकपाल बिल दिल्ली विधानसभा में पास न हो पाने पर अन्ना ने बीजेपी और कांग्रेस को भी निशाने पर लिया।
अन्ना ने पूछा कि अगर जनलोकपाल बिल वास्तव में ही देश की भलाई के लिए था तो फिर भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर इसे पारित करने में मदद क्यों नहीं की।
रंग बदलते अन्ना
हाल के महीनों में कई बार ऎसा हुआ जब अन्ना ने टीम केजरीवाल की आलोचना की है। हालांकि कुछ दिनों पहले जब अरविंद अपने गुरू से मिलने पहुंचे थे तो अन्ना ने उनकी जमकर तारीफ की थी, लेकिन हमेशा की तरह कुछ दिनों बाद इस गांधीवादी ने अपना रूख फिर बदल लिया है।
49 दिन चली सरकार
गौरतलब है कि केजरीवाल ने विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पेश न कर पाने के कारण शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस के बाहरी समर्थन के साथ केजरीवाल सरकार 49 दिनों तक ही चल पाई।
उपराज्यपाल नजीब जंग के कार्यालय से जारी बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सहित उनके मंत्रिमंडल का इस्तीफा राष्ट्रपति ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार लिया है।
शिंदे ने दी जानकारी
केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने लोकसभा में बताया कि मुखर्जी ने दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लागू करने के केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश स्वीकार कर ली है।
शिंदे ने कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा पेश जन लोकपाल विधेयक एक वित्त विधेयक था और नियमानुसार इसे पेश करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी आवश्यक थी।
अन्ना का प्रहार
कुछ दिन पहले केजरीवाल की जमकर तारीफ करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर अपना रूख बदल लिया है। अब अन्ना ने कहा है कि आम आदमी पार्टी के दिल में समाज और देश नहीं, सिर्फ सत्ता है वो उसी के पीछे पड़ी है।
उन्होंने कहा कि अगर जनलोकपाल लाने पर कोई संवैधानिक अड़चन थी तो सब बैठकर उसे सुलझा सकते थे। हालांकि जनलोकपाल बिल दिल्ली विधानसभा में पास न हो पाने पर अन्ना ने बीजेपी और कांग्रेस को भी निशाने पर लिया।
अन्ना ने पूछा कि अगर जनलोकपाल बिल वास्तव में ही देश की भलाई के लिए था तो फिर भाजपा और कांग्रेस ने मिलकर इसे पारित करने में मदद क्यों नहीं की।
रंग बदलते अन्ना
हाल के महीनों में कई बार ऎसा हुआ जब अन्ना ने टीम केजरीवाल की आलोचना की है। हालांकि कुछ दिनों पहले जब अरविंद अपने गुरू से मिलने पहुंचे थे तो अन्ना ने उनकी जमकर तारीफ की थी, लेकिन हमेशा की तरह कुछ दिनों बाद इस गांधीवादी ने अपना रूख फिर बदल लिया है।
49 दिन चली सरकार
गौरतलब है कि केजरीवाल ने विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक पेश न कर पाने के कारण शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस के बाहरी समर्थन के साथ केजरीवाल सरकार 49 दिनों तक ही चल पाई।
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