मंगलवार, 7 जनवरी 2014

जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की तैयारी में सरकार

नई दिल्ली। जैन समुदाय के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान करने के प्रस्ताव पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में प्रस्ताव अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री के रहमान खान ने तैयार किया है।
जैन समुदाय को अल्पसंख्यक का दर्जा देने की तैयारी में सरकार
यह होगा फायदा

पंजाब में जैन समुदाय ने केंद्र सरकार से उसे अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान करने की अपील की थी। अगर जैन समुदाय को यह दर्जा मिल जाता है तो इसके लोग प्रधानमंत्री के अल्पसंख्यकों के लिए 15 सूत्रीय कार्यक्रम के तहत स्कोलरशिप व राशि प्राप्त करने के हकदार हो जाएंगे।

छठा धर्म होगा यह दर्जा पाने वाला

एक बार यह दर्जा मिल जाने के बाद जैन भारत में छठे धार्मिक अल्पसंख्यक होंगे। अभी मुसलमान, सिख, पारसी, इसाइ व बौद्धों को यह दर्जा प्राप्त है। विधि मंत्रालय ने इस प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में एक पुनरीक्षण याचिका लंबित है।

तीन जजिज की बेंच के फैसले को चुनौती दी गई है। कानून मंत्री कपिल सिब्बल का कहना है कि हालांकि इससे जैनों को नेशनल कमिशन फॉर माइनोरिटीज एक्ट के तहत अल्पसंख्यक का दर्जा प्रदान करने में कोई रूकावट नहीं पेश आने वाली।

13 राज्यों में पहले ही अल्पसंख्यक

अभी जैन 13 राज्यों में अल्पसंख्यक घोषित हैं। ये राज्य हैं - मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, झारखंड व उत्तरप्रदेश।

जैन समुदाय का तर्क

जैन समुदाय का कहना है कि शादी, जन्म व मृत्यु को लेकर उनके रीति-रिवाज हिंदुओं से अलग हैं।

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