रायगढ़. जिला अस्पताल में गुरुवार की देर रात उस वक्त हंगामा मच गया, जब डॉ. सुनील रात्रे को एक लड़की के साथ संदिग्ध हालत में पकड़ा गया। मामले की सूचना पर सीएसपी व कोतवाली टीआई मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली। लड़की ने देर रात बीमार होने की वजह से इलाज कराने आने की बात कही है। बहरहाल, जिले में पीटा एक्ट नहीं लागू होने व रिपोर्ट नहीं लिखाए जाने की वजह से डॉ. रात्रे पर कार्रवाई नहीं की जा रही है।
कोतवाली पुलिस ने बताया कि गुरुवार की रात लगभग 1 बजे अस्पताल से सूचना मिली कि जिला चिकित्सालय में पदस्थ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील रात्रे के नाइट ड्यूटी कक्ष में एक लड़की व डॉक्टर को संदिग्ध हालत में पकड़ा गया है। इस पर कोतवाली टीआई व शहर सीएसपी अस्पताल पहुंचे। वहां लड़की ने डॉक्टर के परिचित होने व रात में इलाज कराने की बात कही। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस डॉक्टर व लड़की को कोतवाली ले आई और रात 3 बजे तक पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान पुलिस को लड़की ने इलाज कराने आने का बयान दिया है, वहीं डॉक्टर रात्रे द्वारा लड़की के अपने परिचित होने व इलाज कराने आने की बात कही गई। बहरहाल, पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ किसी प्रकार का कोई केस दर्ज नहीं किया है।
लंबे समय से आती-जाती रही है लड़की
अस्पताल के कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिस लड़की को संदिग्ध हालत में डॉक्टर रात्रे के कक्ष में पकड़ा गया है, वह लंबे समय से जिला अस्पताल में आती-जाती रही है। वैसे, इस प्रकार की घटना होने की भनक किसी को नहीं थी, लेकिन गुरुवार की देर रात अस्पताल के कर्मचारियों ने ही उसे संदिग्ध हालत में पकड़ा।
कोतवाली पुलिस ने बताया कि गुरुवार की रात लगभग 1 बजे अस्पताल से सूचना मिली कि जिला चिकित्सालय में पदस्थ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. सुनील रात्रे के नाइट ड्यूटी कक्ष में एक लड़की व डॉक्टर को संदिग्ध हालत में पकड़ा गया है। इस पर कोतवाली टीआई व शहर सीएसपी अस्पताल पहुंचे। वहां लड़की ने डॉक्टर के परिचित होने व रात में इलाज कराने की बात कही। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस डॉक्टर व लड़की को कोतवाली ले आई और रात 3 बजे तक पूछताछ की।
पूछताछ के दौरान पुलिस को लड़की ने इलाज कराने आने का बयान दिया है, वहीं डॉक्टर रात्रे द्वारा लड़की के अपने परिचित होने व इलाज कराने आने की बात कही गई। बहरहाल, पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ किसी प्रकार का कोई केस दर्ज नहीं किया है।
अस्पताल के कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिस लड़की को संदिग्ध हालत में डॉक्टर रात्रे के कक्ष में पकड़ा गया है, वह लंबे समय से जिला अस्पताल में आती-जाती रही है। वैसे, इस प्रकार की घटना होने की भनक किसी को नहीं थी, लेकिन गुरुवार की देर रात अस्पताल के कर्मचारियों ने ही उसे संदिग्ध हालत में पकड़ा।
अस्पताल प्रबंधन ने भेजा शो कॉज नोटिस
डॉक्टर रात्रे को एक लड़की के साथ संदिग्ध हालत में पकड़ने व पुलिस अधिकारियों के अस्पताल पहुंचने की घटना से अस्पताल प्रबंधन निराश है। इस घटना ने जहां अस्पताल प्रबंधन की छवि को खराब किया है, वहीं डॉक्टरों पर लोगों का भरोसा भी इस घटना से उठने लगा है। लिहाजा, अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर रात्रे को शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस घटना की जांच की जा रही है।
पीटा एक्ट के अभाव में नहीं हो पाती कार्रवाई
पीटा (प्रिवेंशन ऑफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट) अनैतिक देह व्यापार को रोकने के लिए सन् 1956 में लागू किया गया। 1986 में इसमें कुछ संशोधन किया गया। इस कानून के तहत अनैतिक देह व्यापार करने वाली कॉलगर्ल को छह माह की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पब्लिक प्लेस या नोटिफाइड एरिया में गिरफ्तार होने पर तीन माह की सजा होती है। कॉलगर्ल अगर 18 साल की उम्र से कम की हो तो व्यक्ति को 7 से 10 साल की सजा हो सकती है, लेकिन रायगढ़ जिले में देह व्यापार की घटना बढ़ने के बाद भी जिले में पीटा एक्ट लागू नहीं किया गया है। इस वजह से इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
अस्पताल से सूचना मिली थी। डॉक्टर ने लड़की को अपना परिचित होने के साथ देर रात इलाज कराने आने की बात कही है। वहीं, लड़की ने भी कुछ गलत होने से इनकार किया है। इस वजह से पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आरके मिश्रा, कोतवाली थाना प्रभारी
इस तरह की घटना अस्पताल प्रबंधन के लिए निंदनीय है। डॉक्टर रात्रे को शो कॉज नोटिस जारी कर दिया गया है। इस घटना की जांच भी की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपा जाएगी।
डॉ. वाइके शिंदे, सिविल सर्जन
डॉक्टर रात्रे को एक लड़की के साथ संदिग्ध हालत में पकड़ने व पुलिस अधिकारियों के अस्पताल पहुंचने की घटना से अस्पताल प्रबंधन निराश है। इस घटना ने जहां अस्पताल प्रबंधन की छवि को खराब किया है, वहीं डॉक्टरों पर लोगों का भरोसा भी इस घटना से उठने लगा है। लिहाजा, अस्पताल प्रबंधन ने डॉक्टर रात्रे को शो कॉज नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इस घटना की जांच की जा रही है।
पीटा एक्ट के अभाव में नहीं हो पाती कार्रवाई
पीटा (प्रिवेंशन ऑफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग एक्ट) अनैतिक देह व्यापार को रोकने के लिए सन् 1956 में लागू किया गया। 1986 में इसमें कुछ संशोधन किया गया। इस कानून के तहत अनैतिक देह व्यापार करने वाली कॉलगर्ल को छह माह की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। पब्लिक प्लेस या नोटिफाइड एरिया में गिरफ्तार होने पर तीन माह की सजा होती है। कॉलगर्ल अगर 18 साल की उम्र से कम की हो तो व्यक्ति को 7 से 10 साल की सजा हो सकती है, लेकिन रायगढ़ जिले में देह व्यापार की घटना बढ़ने के बाद भी जिले में पीटा एक्ट लागू नहीं किया गया है। इस वजह से इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
अस्पताल से सूचना मिली थी। डॉक्टर ने लड़की को अपना परिचित होने के साथ देर रात इलाज कराने आने की बात कही है। वहीं, लड़की ने भी कुछ गलत होने से इनकार किया है। इस वजह से पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।
आरके मिश्रा, कोतवाली थाना प्रभारी
इस तरह की घटना अस्पताल प्रबंधन के लिए निंदनीय है। डॉक्टर रात्रे को शो कॉज नोटिस जारी कर दिया गया है। इस घटना की जांच भी की जा रही है। जांच के बाद कार्रवाई के लिए रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को सौंपा जाएगी।
डॉ. वाइके शिंदे, सिविल सर्जन
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