बुधवार, 18 दिसंबर 2013

पकड़ा गया इंसानी खून का प्यासा "वेम्पायर"

बारां। जंगल में रहने वाला एक अधेड़ जिसे इंसान का खून ऎसा मुंह लगा कि इंसान से वह वेम्पायर(इंसानी खून का प्यासा) बन बैठा, जो इंसानी खून के लिए बेवजह लोगों की हत्याएं करने लगा। जी, हां। यह कोई फिल्मी फसाना नहीं राजस्थान और मध्यप्रदेश के सीमावृती जंगल में रहने वाले 38 साल के करन सिंह की हकीकत है।
कथित तौर पर करन सिंह ने महज इंसानी खून के लिए राजस्थान और मध्यप्रदेश में बेगुनाह लोगों की हत्याएं की हैं। मंगलवार को मध्यप्रदेश की गुना जिला और राजस्थान की बांरा जिला पुलिस ने संयुक्त अभियान में नाहरगढ़ थाना क्षेत्र के जंगल से करन को हथियार(कुल्हाड़ी) के साथ गिरफ्तार कर लिया है।

डिंगडोली गांव का है करन

पुलिस अधीक्षक पीएस बिस्ट ने बुधवार को बताया कि 38 साल का करन सिंह को मंगलवार को बांरा जिले के बरडीगांव के जंगल से गिरफ्तार किया गया। वह गुना जिले के डिंगडोली गांव का निवासी है जो राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है।

6 दिसम्बर को हरीराम बाबा की हत्या

आरोपी ने हाल में दो लोगों की अलग-अलग घटनाओं में बेवजह उस समय हत्या कर दी जब वह अपने घरों पर सो रहे थे। आरोपी ने गुना जिले के फतेहगढ थाना क्षेत्र के रामपुरिया गांव में 6 दिसंबर की रात्रि में हरीराम बाबा नाम के व्यकित की उस समय सिर पर कुल्हाड़ी से प्रहार करके हत्या कर दी जब वह सो रहे थे। आरोपी का उनसे कोई विवाद या दुश्मनी नहीं थी।

फतेहगढ़ में भी कत्ल

इसी तरह की एक और घटना 13 और 14 दिसंबर की दरम्यानी रात्रि में फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के सेमरा गांव में हुई। रामप्रसाद नाम के व्यकित की सोते समय कुल्हाड़ी से प्रहार करके हत्या की गई।

यूं शुरू हुआ तलाशी अभियान

दोनों घटनाएं एक सी प्र्रतीत होने पर आसपास के इलाकों में तलाशी अभियान छेड़ा गया। बताया गया है कि तलाशी के दौरान सेमरा के जंगल में एक पेड़ परमचान बनी हुई मिली। मचान पर एक बिस्तर और कंबल के साथतीन-चार कुल्हाड़ी भी मिलीं। इन वस्तुओं में से कुछ सामान हरीराम बाबा का था और उसके परिजनों ने सामान को पहचान लिया था। पड़ताल के बाद पता चला कि पेड़ पर बनी मचान पर आरोपी सोता था। आखिरकार उसे मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों ही हत्याओं की आरोपी कोई वजह नहीं बता पाया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें