बीजिंग। चांद पर पहुंचते ही चीन के जेड रैबिट रोवर ने काम शुरू कर दिया। चांद से पहली तस्वीरें आ चुकी है। शनिवार को चीन का अंतरिक्ष यान "चांग ई-3" चंद्रमा की सतह पर उतरा था। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने सोमवार को रोवर की तस्वीरें जारी की।
तस्वीरों में चांद की सतह पर रोवर के पहियों के निशान देखे जा सकते हैं। सुनहरे फोइल से ढका रोवर सभी सोलर पैनलों को फैलाए काम पर लगा है। तस्वीरों में चीन का झंडा देखा जा सकता है। चीनी सरकार ने बयान जारी किया, यह मिशन चीन के अंतरिक्ष उद्योग की तरक्की के रास्ते में मील का पत्थर है, जो कॉमरेड शी जिनपिंग के नेतृत्व में मुमकिन हो पाया है।
तीसरा सफल देश -
अमरीका और सोवियत संघ के बाद चीन तीसरा देश है जिसने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक रोवर उतारा हो। चीन ने अपने यान का नाम चंद्रमा की देवी चांग ई के पर रखा है। पौराणिक कथाओं में देवी को युटु नाम के खरगोश के साथ देखा जाता है। इसी पर यान के रोवर का नाम जेड रैबिट रखा गया है। रोवर के लिए बड़ी चुनौती चांद का पारा है जो 120 से माइनस 180 के बीच है।
सैन्य मिशन का हिस्सा -
चंद्रमा में चीन की रूचि 50 के दशक से रही है। चांद मिशन सैन्य अभियान का भी हिस्सा रहा है। देश के अंतरिक्ष मामलों के विशेषज्ञ के कीसोंग कहते हैं, चीन का यह अभियान दुनिया को यह बताने का एक जरिया है कि हमारे पास अत्याधुनिक तकनीक है, जो कि परमाणु तकनीक से भी बेहतर है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी ताकत के रूप में मान्यता भी मिल सकेगी।
पांचवे लूनर प्रोब को भेजने का ऎलान -
सफलता से खुश चीन ने 5वां लूनर प्रोब को भेजने का ऎलान भी किया। अगला मिशन 2017 में लॉन्च किया जाएगा। चांद से मिट्टी-कई पत्थर भी लाए जाएंगे ताकि उन पर शोध किया जा सके। यह चीनी मिशन का तीसरा व आखिरी चरण होगा। 2020 में यात्री को चांद पर उतारने की योजना है।
तस्वीरों में चांद की सतह पर रोवर के पहियों के निशान देखे जा सकते हैं। सुनहरे फोइल से ढका रोवर सभी सोलर पैनलों को फैलाए काम पर लगा है। तस्वीरों में चीन का झंडा देखा जा सकता है। चीनी सरकार ने बयान जारी किया, यह मिशन चीन के अंतरिक्ष उद्योग की तरक्की के रास्ते में मील का पत्थर है, जो कॉमरेड शी जिनपिंग के नेतृत्व में मुमकिन हो पाया है।
तीसरा सफल देश -
अमरीका और सोवियत संघ के बाद चीन तीसरा देश है जिसने चांद की सतह पर सफलतापूर्वक रोवर उतारा हो। चीन ने अपने यान का नाम चंद्रमा की देवी चांग ई के पर रखा है। पौराणिक कथाओं में देवी को युटु नाम के खरगोश के साथ देखा जाता है। इसी पर यान के रोवर का नाम जेड रैबिट रखा गया है। रोवर के लिए बड़ी चुनौती चांद का पारा है जो 120 से माइनस 180 के बीच है।
सैन्य मिशन का हिस्सा -
चंद्रमा में चीन की रूचि 50 के दशक से रही है। चांद मिशन सैन्य अभियान का भी हिस्सा रहा है। देश के अंतरिक्ष मामलों के विशेषज्ञ के कीसोंग कहते हैं, चीन का यह अभियान दुनिया को यह बताने का एक जरिया है कि हमारे पास अत्याधुनिक तकनीक है, जो कि परमाणु तकनीक से भी बेहतर है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी ताकत के रूप में मान्यता भी मिल सकेगी।
पांचवे लूनर प्रोब को भेजने का ऎलान -
सफलता से खुश चीन ने 5वां लूनर प्रोब को भेजने का ऎलान भी किया। अगला मिशन 2017 में लॉन्च किया जाएगा। चांद से मिट्टी-कई पत्थर भी लाए जाएंगे ताकि उन पर शोध किया जा सके। यह चीनी मिशन का तीसरा व आखिरी चरण होगा। 2020 में यात्री को चांद पर उतारने की योजना है।
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