भारत और चीन की खचाखच भरी बसों और ट्रेनों में सफर का अनुभव कभी भी किसी अकेली लड़की के लिए खुशगवार नहीं रहा होगा। अनचाही छुअन और बुरी नीयत से धक्का-मुक्की लड़कियों के लिए सबसे बड़ी परेशानी होती है,लेकिन एक सामान्य किंतु अनुठी जैकेट "स्पाइक्स अवे" लड़कियों को ऎसे सफर में मददगार साबित होगा। लड़की को बस इस जैकेट को पहनना है और फिर बिंदास सफर पर निकल सकती है।
क्या खास है "स्पाइक्स अवे" में
सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट मिंग चेंग के द्वारा बनाए गए इस जैकेट में इतनी कीलें हैं कि कोई आसपास आने से भी कतराएगा। हां,कीलों के डर से बस और मेट्रो के सफर में लड़की खुद को अनचाही छुअन से बच सकेगी। लेकिन बता दें कि ये कीलें किसी धातु की नहीं बल्कि प्लास्टिक की हैं,जिससे किसी मुसाफिर को चोट लगने का खतरा भी नहीं होगा।
डिजाइन वर्कशॉप में तैयार हुआ जैकेट
सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी में आयोजित डिजाइन वर्कशॉप के दौरान मिंग चेंग ने यह जैकेट डिजाइन किया है। इस वर्कशॉप का नाम "चिंदोगु" था,जिसमें जापानी कला से रोजाना की दिक्कतों से निपटने के लिए गैजेट्स डिजाइन करने थे।
क्या खास है "स्पाइक्स अवे" में
सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी की स्टूडेंट मिंग चेंग के द्वारा बनाए गए इस जैकेट में इतनी कीलें हैं कि कोई आसपास आने से भी कतराएगा। हां,कीलों के डर से बस और मेट्रो के सफर में लड़की खुद को अनचाही छुअन से बच सकेगी। लेकिन बता दें कि ये कीलें किसी धातु की नहीं बल्कि प्लास्टिक की हैं,जिससे किसी मुसाफिर को चोट लगने का खतरा भी नहीं होगा।
डिजाइन वर्कशॉप में तैयार हुआ जैकेट
सिंगापुर नेशनल यूनिवर्सिटी में आयोजित डिजाइन वर्कशॉप के दौरान मिंग चेंग ने यह जैकेट डिजाइन किया है। इस वर्कशॉप का नाम "चिंदोगु" था,जिसमें जापानी कला से रोजाना की दिक्कतों से निपटने के लिए गैजेट्स डिजाइन करने थे।
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