मंगलवार, 24 दिसंबर 2013

लेडी पुलिस ऑफिसर के खिलाफ अरेस्ट वारंट

अजमेर।दहेज हत्या का एक मामला फैसले से केवल इसलिए दूर है क्योंकि प्रकरण की जांच अधिकारी ही अदालत में गवाही देने नहीं आ रही। महिला अत्याचार निवारण मामलात अदालत के न्यायाधीश राजेन्द्र शर्मा ने इस पर गहरी नाराजगी जताई है।
अदालत ने सोमवार को महिला थाने की तत्कालीन थानाधिकारी सुनीता गुर्जर के गिरफ्तारी वारंट जारी किए हैं। वहीं गवाहों को सम्मन तामील कराने के मामले में अजमेर के पुलिस अधीक्षक की कार्य प्रणाली पर भी टिप्पणी की है।


सुनीता फिलहाल भीलवाड़ा में यातायात पुलिस में पदस्थापित हैं। प्रकरण पहाड़गंज क्षेत्र की विवाहिता की दहेज हत्या से जुड़ा है। सरकार बनाम ललित के नाम से विचाराधीन मुकदमे में लगभग सभी गवाहों के बयान हो चुके हैं।

प्रकरण की जांच तत्कालीन महिला थानाधिकारी सुनीता ने की थी इसलिए उन्हें भी बतौर गवाह तलब किया गया। अदालत ने चार-पांच पेशियों पर सुनीता को गवाही के लिए बुलाया लेकिन वह नहीं आई। सम्मन व जमानती वारंट तामील होने पर रिपोर्ट भेजी गई कि वह चुनावी कार्य, वीआईपी ड्यूटी में व्यस्त हैं।

गत पेशी पर जारी हुए जमानती वारंट पर सोमवार को अदालत में रिपोर्ट पेश हुई कि महिला थानाधिकारी कानून व्यवस्था में व्यस्त होने के कारण अदालत आने में असमर्थ है। न्यायाधीश शर्मा ने इसे गंभीर मानते हुए सुनीता के गिरफ्तारी वारंट जारी कर 7 जनवरी को तलब किया है।

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