जयपुर। गुर्जर, जाट, ब्राह्मण और आर्थिक आधार पर आरक्षण के मुद्दों पर राजस्थान की पिछली सरकारें भले ही हांफती रही हों लेकिन वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली नई सरकार इससे जुड़े निर्णय भी तुरत-फुरत लेने जा रही है। हम बात कर रहे हैं प्रदेश में नवनियुक्त सरकार आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को नर्सिग भर्ती के विषय में। सरकार अब भर्ती के साथ ही प्रशिक्षण के लिए प्रवेश में भी आरक्षण देने की तैयारी कर रही है।
जानकारी के अनुसार इस संबंध में मुख्यमंत्री कार्यालय ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से प्रदेश के एएनएम, जीएनएम और बीएससी नर्सिग संस्थानों में बनाए गए प्रवेश के नियमों की जानकारी मांगी है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इस मसले से जुडे सभी तथ्य मुख्यमंत्री कार्यालय भेज दिए हैं।
अधिकारिक जानकारी के अनुसार चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने विभाग की नौकरियों में आदिवासी क्षेत्रों के अभ्यार्थियों के लिए आरक्षण तय कर रखा है। अब मौजूदा सरकार चाहती है कि इन क्षेत्रों के अभ्यार्थियों को एएनएम, जीएनएम और बीएससी नर्सिंग जैसे पाठयक्रमों में प्रवेश लेने के लिए भी आरक्षण का प्रावधान होना चाहिए। मुख्यमंत्री के सचिव तन्मय कुमार ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग से जानकारी मांगी गई है।
राज्यपाल कर चुकी हैं पहल
इससे पहले प्रदेश की राज्यपाल माग्रेüट आल्वा बारां, उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, जालौर समेत आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों का दौरा कर चुकी हैं। उन्होंने वहां स्वास्थ्य सेवाओं पर बीते तीन वष्ाü में खर्च किए गए बजट का ब्यौरा भी मांगा था। वहीं राष्ट्रपति के निर्देश पर राजभवन में एक आदिवासी प्रकोष्ठ भी बनाया गया है, जो इन क्षेत्रों में राज्य सरकार की योजनाओं की क्रियान्वति पर निगाह रखे हुए हैं।
सीएमओ ने मांगी थी जानकारी
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त शासन सचिव चुन्नी लाल कायल ने बताया कि सीएमओ ने जानकारी मांगी थी, जो भेज दी है। अब नए निर्देश आएंगे उनकी पालना भी की जाएगी।
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