रविवार, 15 दिसंबर 2013

बिहार में बम धमाकों के तार जोधपुर से जुड़े

पोकरण। बिहार के बौद्धगया व पटना में हुए बम धमाकों के तार जोधपुर से जुड़े हो सकते हैं। बम धमाकों के मामले की केन्द्रीय जांच एजेंसी के हत्थे चढ़ने वाले दो आरोपियों से सामने आया है कि ब्लास्ट से पहले आतंकी जोधपुर आए थे। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि ब्लास्ट की साजिश जोधपुर में रची हो सकती है अथवा आतंकियों को जोधपुर से मदद मिली होगी। ऎसे में जोधपुर सहित पश्चिमी राजस्थान के थानों में वांछित इनामी आतंकियों के पोस्टर चस्पा किए जा रहे हैं।
बिहार के बौद्धगया में जुलाई और राजधानी पटना में भाजपा नेता नरेन्द्र मोदी की रैली के दौरान गत अक्टूबर में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। मामले की जांच केन्द्र की नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) कर रही है। इस मामले में इण्डियन मुजाहिद्दीन के यासिन भटकल व अरशदुल्लाह पकड़े जा चुके हैं।

इनसे पूछताछ व जांच में एजेंसी के सामने आया है कि बिहार के समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर थानान्तर्गत मुक्तापुर के मनियारपुर निवासी मोहम्मद तहसील अख्तर उर्फ मोनू (23) पुत्र मोहम्मद वसीम अख्तर, मूलत: पाकिस्तान हाल कर्नाटक में मैंगलोर जैफेर हाईट अपार्टमेंट के पास निवासी वकास उर्फ अहमद (25) तथा बिहार के औरंगाबाद जिले में मदनपुर खारियामा निवासी हैदर अली उर्फ अब्दुल्लाह (25) पुत्र आलम अंसारी ब्लास्ट से पहले जोधपुर आए थे। इन तीनों आतंकियों ने ब्लास्ट से पहले जोधपुर दौरा किया था।

दस-दस लाख रूपए का इनाम घोषित
एनआईए व महाराष्ट्र की एटीएस ने तीनों अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए दस-दस लाख रूपए के इनाम की घोषणा की है। साथ ही इनके चित्र व हुलिए की जानकारी वाले इश्तहार भी छपवाकर राजस्थान विशेषकर पश्चिमी राजस्थान के थानों में चस्पां किए जा रहे हैं।

पश्चिमी राजस्थान में छुपे होने की आशंका
पोकरण के पुलिस उपाधीक्षक विपिन कुमार शर्मा ने बताया कि एटीएस से मिले पोस्टर थानों में वितरित करवाकर मुख्य चौराहों, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टेशन व अन्य सार्वजनिक स्थलों पर चस्पा किए जा रहे हैं।

पहले भी हिट लिस्ट में रहा जोधपुर
लश्कर-ए-तैयबा के कश्मीर घाटी स्थित ठिकाने को नेस्तनाबूत करने के दौरान 2009 में सुरक्षा एजेंसियों को एक कम्प्यूटर हाथ लगा था। जिसमें उन्हें जोधपुर का नक्शा मिला। वहीं, जयपुर में बम धमाकों के मामले में एटीएस वर्ष 2008 में जोधपुर से दो युवकों को पकड़कर ले गई थी। इन पर आतंकियों के लिए चंदा एकत्रित करने का आरोप था। हालांकि बाद में इन दोनों को बरी कर दिया गया था।

ब्लास्ट से पहले आए थे जोधपुर
"एनआईए की जांच में तीन संदिग्धों के ब्लास्ट से पहले जोधपुर आने की जानकारी आई थी। एजेंसी की सूचना पर जांच भी कराई गई, लेकिन फिलहाल कोई जानकारी नहीं मिली है।"
अजयपाल लाम्बा, पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) जोधपुर।

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