जयपुर। चारदीवारी में साइकल चलाने की योजना (पब्लिक बाइसाइकिल स्कीम) को हरी झण्डी देने के बाद सरकार ने अब इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट पर भी मुहर लगा दी है।
जेडीए के पास स्वीकृत डीपीआर आ गई है, जिसे संभवत: इसी सप्ताह शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा।
सरकार ने डीपीआर में किसी भी तरह का संशोधन नहीं किया है। जेडीए अधिकारी केन्द्र सरकार स्तर पर अनुमति मिलने को लेकर आश्वस्त हैं और नए साल में इस योजना के प्रभावी होने का दावा कर रहे हैं।
डीपीआर में फिलहाल जयपुर में साइकिल यात्रा का हिस्सा केवल 3.80 फीसदी बताया गया है।
बताया जा रहा है कि जेडीए अधिकारी शुरूआती दौर में इस आंकड़े को 10 से 15 फीसदी के बीच पहुंचाने की जरूरत जता रहे हैं और इसी आधार पर डीपीआर तैयार की गई है।
पहले चारदीवारी, फिर बाहर
साइकिल का जाल बिछाने की शुरूआत चारदीवारी से होगी। इसके साथ आस-पास के उन होटलों पर भी साइकिल स्टैण्ड बनाने की योजना है, जहां पर्यटकों की ज्यादा आवाजाही रहती है।
इसके लिए जेडीए और स्वयंसेवी संगठन एम्बार्क ने कार्ययोजना तैयार की है।
हर 300 से 400 मीटर दूर पर साइकिल स्टैण्ड बनाए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरूआत 1000 साइकिल से होगी। इसके लिए 76 साइकिल स्टैण्ड बनेंगे।
खास यह है कि साइकिल को प्रमोट करने के लिए शुरूआती 30 मिनट शुल्क मुक्त रखना प्रस्तावित किया गया है।
इसके बाद इसे जवाहर नगर, विद्याधर नगर व मानसरोवर सहित शहर के अन्य बाहरी इलाकों में लागू किया जाएगा।
पैदल को मिलेगी राहत
सर्वे के मुताबिक शहर में पैदल चलने वाले लोग 33.90 फीसदी हैं। साइकिल संचालन को बढ़ावा मिलता है तो पैदल चलने वालों की राह आसान होगी।
विशेष्ाज्ञों के मुताबिक मौजूदा स्थिति में सड़कों पर पेट्रोल-डीजल संचालित वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है और फुटपाथ पर अतिक्रमियों का कब्जा है।
ऎसे में राहगीरों के चलने के लिए जगह नहीं है और मजबूरन उन्हें सड़क क्षेत्र में उतरना पड़ता है
जेडीए के पास स्वीकृत डीपीआर आ गई है, जिसे संभवत: इसी सप्ताह शहरी विकास मंत्रालय को भेजा जाएगा।
सरकार ने डीपीआर में किसी भी तरह का संशोधन नहीं किया है। जेडीए अधिकारी केन्द्र सरकार स्तर पर अनुमति मिलने को लेकर आश्वस्त हैं और नए साल में इस योजना के प्रभावी होने का दावा कर रहे हैं।
डीपीआर में फिलहाल जयपुर में साइकिल यात्रा का हिस्सा केवल 3.80 फीसदी बताया गया है।
बताया जा रहा है कि जेडीए अधिकारी शुरूआती दौर में इस आंकड़े को 10 से 15 फीसदी के बीच पहुंचाने की जरूरत जता रहे हैं और इसी आधार पर डीपीआर तैयार की गई है।
पहले चारदीवारी, फिर बाहर
साइकिल का जाल बिछाने की शुरूआत चारदीवारी से होगी। इसके साथ आस-पास के उन होटलों पर भी साइकिल स्टैण्ड बनाने की योजना है, जहां पर्यटकों की ज्यादा आवाजाही रहती है।
इसके लिए जेडीए और स्वयंसेवी संगठन एम्बार्क ने कार्ययोजना तैयार की है।
हर 300 से 400 मीटर दूर पर साइकिल स्टैण्ड बनाए जाएंगे। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरूआत 1000 साइकिल से होगी। इसके लिए 76 साइकिल स्टैण्ड बनेंगे।
खास यह है कि साइकिल को प्रमोट करने के लिए शुरूआती 30 मिनट शुल्क मुक्त रखना प्रस्तावित किया गया है।
इसके बाद इसे जवाहर नगर, विद्याधर नगर व मानसरोवर सहित शहर के अन्य बाहरी इलाकों में लागू किया जाएगा।
पैदल को मिलेगी राहत
सर्वे के मुताबिक शहर में पैदल चलने वाले लोग 33.90 फीसदी हैं। साइकिल संचालन को बढ़ावा मिलता है तो पैदल चलने वालों की राह आसान होगी।
विशेष्ाज्ञों के मुताबिक मौजूदा स्थिति में सड़कों पर पेट्रोल-डीजल संचालित वाहनों का दबाव बढ़ता जा रहा है और फुटपाथ पर अतिक्रमियों का कब्जा है।
ऎसे में राहगीरों के चलने के लिए जगह नहीं है और मजबूरन उन्हें सड़क क्षेत्र में उतरना पड़ता है
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