ओम बन्ना की पुण्यतिथि पर श्रद्धालुओं का लगा तांता
25वीं पुण्यतिथि पर दूरदराज से उमड़ी श्रद्धा, महाप्रसादी में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पाई पंगत प्रसादी
रोहट
रोहट बांडाई गांव के पास नेशनल हाईवे पर स्थित ओम बन्ना के स्थान पर हर वर्ष की भांति मंगलवार को ओम बन्ना की 25 पुण्यतिथि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। देर रात तक श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहा। श्रद्धालुओं ने दूर दराज से पहुंचकर पुण्यतिथि के अवसर पर मन्नतें मांगकर शीश नवाकर पूजा अर्चना के साथ श्रद्धा व्यक्त की। महिलाओं व बच्चों की भी बड़ी संख्या में भीड़ रही।
इस अवसर पर सुबह महाप्रसादी के भोग के साथ श्रद्धालुओं ने पंगत प्रसादी पाई। जिसमें प्रसादी पाने के लिए देर शाम तक श्रद्धालुओं की भीड़ रही। ओम बन्ना के स्थान की मान्यता यह है कि यहां जो भी मन्नत मांगी जाती है वह जरूर पूरी होती है। वैसे तो हर रोज इस स्थान पर श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है। लेकिन पुण्यतिथि का विशेष महत्व होने पर यहां दूर दराज से श्रद्वालु पहुंचकर आराधना के साथ अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। इस अवसर पर दूर दराज से यहां पहुंचे संत महात्माओं ने भी शिरकत की, जहां मंदिर प्रबंधन की ओर से संतों का बहुमान किया गया।
ठहरने व जलपान की माकूल व्यवस्था
पुण्यतिथि कार्यक्रम के दौरान श्रद्धालुओं के ठहरने व जल पान आदि की माकूल व्यवस्थाएं थीं। पाली के श्रद्धालु हेमसिंह चुंडावत की ओर से यात्रियों के लिए पानी के टैंकर की व्यवस्था की गई। इस अवसर पर रंग बिरंगी रोशनी से मंदिर परिसर में विशेष सजावट की गई, जिससे मंदिर जगमगा रहा था। देर शाम को आरती के दौरान श्रद्घालुओं का सैलाब रहा। इस दौरान ओम बन्ना के जयकारों के साथ चारों ओर का वातावरण धर्ममय हो गया। वहीं नेशनल हाईवे से गुजरने वाले वाहन चालक भी वाहन खड़ा कर दर्शन कर शीश नवाकर आगे बढ़ रहे थे।
मेले में महिलाओं व बच्चों ने जमकर की खरीदारी
श्रद्घालुओं ने ओम बन्ना के स्थान के सामने स्थित लगे मेले से प्रसादी, फूल मालाओं के साथ महिलाओं ने श्रृंगार सामग्री व बच्चों ने खिलौनों की खरीददारी का भी जमकर लुत्फ उठाया। बाजार में श्रद्धालुओं ने ओम बन्ना की तस्वीरों के साथ लॉकेट, सीडी, डीवीडी की खरीदारी की। मेले में दुकानदारों ने अपनी दुकानें सजा रखी थीं और हर दुकान पर लोगों की खरीदारी के लिए भीड़ थी।
ओम बन्ना के पिता-पुत्र ने की शिरकत
पुण्यतिथि कार्यक्रम में ओम बन्ना के पिता चोटिला पूर्व ठाकुर जोग सिंह, ओम बन्ना के पुत्र महान पराक्रम सिंह के अलावा भीम सिंह चोटिला, चामुंडरायसिंह रोहट, सोम सिंह चोटिला, मनोहरसिंह निंबली, सरपंच चोटिला गजेंद्रसिंह, माधोसिंह, हेमसिंह, गणपतसिंह, सज्जनसिंह, सुरेंद्रसिंह पाली भूरियासनी, प्रहलाद सिंह बांडाई, चन्द्र सिंह, पप्पूसिंह सहित दूर दराज व आस-पास के ग्रामीणों की बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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