बाड़मेर आर्मी के पूर्व कैप्टन को दी नम आंखों से विदाई
पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार, १९६५ और १९७१ में पाकिस्तान से दो बार मुकाबला किया इस दौरान तीन गोलियां लगी
कल्याणपुर(बालोतरा) आर्मी के पूर्व केप्टन हमीरसिंह का रविवार को जोधपुर अस्पताल में निधन हो गया। सोमवार को उनके पैतृक गांव ग्वालनाडा में सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनको अंतिम विदाई दी।
इससे पूर्व उनकी शवयात्रा में कोरणावटी-मगरावटी क्षेत्र सहित राजपूत समाज के लोग, सैना के जवान व प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लेकर उन्हें नम आंखों से विदाई दी। पिछले दिनों पूर्व केप्टन को अचानक दिल का दौरा पडऩे से जोधपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
उल्लेखनीय है कि पूर्व केप्टन हमीरसिंह को १९६५ व १९७१ के सीयालकोट सेक्टर युद्ध के दौरान तीन गोलियां लगी थी। इससे वे बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इसके बावजूद पूर्व केप्टन ने हिम्मत नहीं हारी और सन् १९८७ में रिटायर्ड होने के बाद भी बतौर होमगार्ड देश को अपनी सेवाएं दी। पूर्व केप्टन के तीन पुत्र है, जिनमें से एक कर्नल बालूसिंह पूना होस के कंमाडर ऑफिसर है तथा दूसरे पुत्र दौलतसिंह होमगार्ड ऑफिसर है। पूर्व केप्टन को बहादूरी के लिए सेना के मैडल से भी नवाजा गया था।
जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
पूर्व केप्टन को अंतिम विदाई में शरीक हुए सेना के जवानों ने अंतिम संस्कार के वक्त उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। कर्नल दलबीरसिंह ने पुष्प चक्र अर्पित किया।
इस दौरान पूर्व सरपंच उम्मेदसिंह अराबा, भंवरसिंह अराबा, गुमानसिंह कोरणा, ग्वालनाडा सरपंच सुखाराम भील, बिशनसिंह सोढ़ा, श्यामसिंह विश्रोई सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार, १९६५ और १९७१ में पाकिस्तान से दो बार मुकाबला किया इस दौरान तीन गोलियां लगी
कल्याणपुर(बालोतरा) आर्मी के पूर्व केप्टन हमीरसिंह का रविवार को जोधपुर अस्पताल में निधन हो गया। सोमवार को उनके पैतृक गांव ग्वालनाडा में सेना के जवानों ने गार्ड ऑफ ऑनर देकर उनको अंतिम विदाई दी।
इससे पूर्व उनकी शवयात्रा में कोरणावटी-मगरावटी क्षेत्र सहित राजपूत समाज के लोग, सैना के जवान व प्रशासनिक अधिकारियों ने भाग लेकर उन्हें नम आंखों से विदाई दी। पिछले दिनों पूर्व केप्टन को अचानक दिल का दौरा पडऩे से जोधपुर अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां रविवार को उन्होंने अंतिम सांस ली।
उल्लेखनीय है कि पूर्व केप्टन हमीरसिंह को १९६५ व १९७१ के सीयालकोट सेक्टर युद्ध के दौरान तीन गोलियां लगी थी। इससे वे बुरी तरह जख्मी हो गए थे। इसके बावजूद पूर्व केप्टन ने हिम्मत नहीं हारी और सन् १९८७ में रिटायर्ड होने के बाद भी बतौर होमगार्ड देश को अपनी सेवाएं दी। पूर्व केप्टन के तीन पुत्र है, जिनमें से एक कर्नल बालूसिंह पूना होस के कंमाडर ऑफिसर है तथा दूसरे पुत्र दौलतसिंह होमगार्ड ऑफिसर है। पूर्व केप्टन को बहादूरी के लिए सेना के मैडल से भी नवाजा गया था।
जवानों ने दिया गार्ड ऑफ ऑनर
पूर्व केप्टन को अंतिम विदाई में शरीक हुए सेना के जवानों ने अंतिम संस्कार के वक्त उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। कर्नल दलबीरसिंह ने पुष्प चक्र अर्पित किया।
इस दौरान पूर्व सरपंच उम्मेदसिंह अराबा, भंवरसिंह अराबा, गुमानसिंह कोरणा, ग्वालनाडा सरपंच सुखाराम भील, बिशनसिंह सोढ़ा, श्यामसिंह विश्रोई सहित प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
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