बुधवार, 20 नवंबर 2013

30 हजार "टीचर्स" की नौकरी को खतरा !

जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ के फैसले के बाद प्रदेश में करीब 30 हजार अधिक स्कूल... विद्यार्थी मित्रों की नौकरी पर तलवार लटकती नजर आ रही है। दरअसल, होईकोर्ट ने राजस्थान में संविदा पर कार्यरत ऎसे विद्यार्थी मित्रों के पद को ही अवैध माना है।
उधर,मामले में कोर्ट का फैसला सुन दंग रहने वाले विद्यार्थी मित्र अब हाईकोर्ट की खंडपीठ में अपील की तैयारी में जुट गए हैं।

बता दें कि राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर पीठ की न्यायाधीश मनीष भंडारी की एकलीपीठ में बुधवार को मामले पर सुनवाई करते हुए प्रार्थी पक्ष की ओर दी गई इस दलील को आधार मानते हुए विद्यार्थी मित्रों की नियुक्ति को अवैध करार दिया। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी पक्ष की दलील थी कि राजस्थान शिक्षा अधिनस्थ सेवा नियम जो कि पंचायती नियम हैं उसके आधार पर स्कूलों में विद्यार्थी मित्र लगाने का कोई विद्यान नहीं है।

प्रदेशभर के विद्यार्थी मित्रों में खलबली
प्रदेश में प्राथमिक स्तर के स्कूलों में 30 हजार से भी ज्यादा विद्यार्थी मित्र कार्यरत हैं। ऎसे में हाईकोर्ट के आदेश आने के बाद उनमें खलबली मची हुई है। इसका असर आने वाल शैक्षणिक सत्र और स्कूली शिक्षा व्यवस्था पर भी पड़ने की आशंका है।

30 फीसदी बोनस अंक पर सवाल
कोर्ट की ओर से जब इन नियुक्तियों को ही अवैध करार दे दिया गया है तो विद्यार्थी मित्रों को मिले बोनस अंकों पर भी इसका असर पड़ सकता है। प्रदेशभर में हाल में की गई शिक्षा सहायकों के पद पर भर्ती में विद्यार्थी मित्रों को 30 फीसदी बोनस अंक दिए गए हैं। इस लिहाज से शिक्षा सहायक के पद के लिए बोनस अंक पर भी सवाल उठने के बाद और उन्हें इस फायदे से भी वंचित होना पड़ सकता है।

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