रविवार, 13 अक्तूबर 2013

शिव विधानसभा क्षेत्र ..उम्मीदवारों के नाम की मगजमारी ,कौन हें शिव के उम्मीदवार


चुनावी रणभेरी २०१३। । बाड़मेर शिव विधानसभा क्षेत्र 

दोनों दलों में उम्मीदवारों के नाम की मगजमारी ,कौन हें शिव के उम्मीदवार 

शिव के नतीजे सांसद नतीजे करेंगे 
अल्पसंख्यको का भाजपा में झुकाव चुनाव दिलचस्प बनाएगा 


बाड़मेर सरहदी जिले बाड़मेर की सीमावर्ती शिव विधानसभा मोजुद समय में सर्वाधिक चर्चित सीट हो गई हें। भाजपा और कांग्रेस हर हाल में सीट जीतना चाहते हें इसी को उम्मीदवारों के नाम को अंतिम रूप देने में मगजमारी करनी पड़ रही हें ,वर्तमान में कांग्रेस के खान विधायक हें और उन्हें सरकार में मंत्री पद हासिल हें। अपने अनर्गल बयानों को लेकर हमेशा चर्चित रहने वाले खान को पहली मर्तबा अल्पसंख्यक दिग्गज नेता स्वर्गीय अब्दुल हादी परिवार से कड़ी चुनौती दावेदारी को लेकर मिली हें। गत चुनावो में अमिन खान अंतिम चुनाव बता कर लड़ा था जिसमे लोगो ने दिल खोलकर उन्हें समर्थन देकर जिताया। सरकार में उन्हें अल्पसंख्यक और ग्रामीण मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग देकर मंत्री बनाया। मगर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल टिपणी कर विवादों में फंसे और उन्हें इस्तीफा देना पडा। साल बाद उन्हें वापस मंत्री मंडल में शामिल किया। इसके बाद विवादास्पद बयान आते ,रहे बार अब्दुल हादी की पुत्र वधु शम्मा खान जो की चौहटन की प्रधान हें ने शिव से अपनी सशक्त दावेदारी पेश कर अमिन के सामने संकट खडा कर दिया। शम्मा खान को बाड़मेर के दिग्गज जाट नेताओ का समर्थन हासिल हें। 

पढ़ी लिखी होने के साथ राजनितिक अनुभव उन्हें अमिन से आगे रखता हें , शमा युवा और महिला हें इसका फायदा भी मिल सकता हें। शमा ने कांग्रेस में उच्च स्तर पर अपनी पेठ जमाई हें। अमिन खान चार बार शिव से विधायक रहे मगर लगातार दो बार चुनाव जीतने में कामयाब नहीं हो पाए। विगत विधानसभा चुनावो के बाद हुए लोक सभा चुनावो में कांग्रेस उम्मीदवार शिव से पिछड़ गए थे। कांग्रेस जिसको भी टिकट देगी भितरघात जरुर होगा। इधर भाजपा में पूर्व विधायक डॉ जालम सिंह रावलोत टिकट के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हें। चुनाव हारने के बाद भी रावलोत क्षेत्र की जनता से जुड़े रहे यह उनको टिकट दिलाने में सहायक सिद्ध हो सकती हें। अपने विधायकी कार्यकाल में जालम सिंह ने शिव में विकास खूब कराया।

मगर जालम सिंह का पार्टी में विरोध हें। शिव में तेरह अन्य दावेदार हें जिसमे राजेंद्र सिंह भियांड ,मुराद अली म्रेहर ,हरी सिंह सोढा ,रूप सिंह ,स्वरुप सिंह ,प्रमुख हें। इन लोगो ने वसुंधरा राजे को जालम सिंह के अलावा किसी को टिकट देने की मांग की। थी वसुंधरा राजे अल्पसंख्यको को भाजपा से जोड़ने के लिए सियासी दांव खेल सकती हें। पहली बार अल्पसंख्यक उम्मीदवार उतार मुसलमानों को रिझाने की पहल से इंकार नहीं किया सकता। मुराद अली मेहर सशक्त दावेदार हें। हालांकि शिव में मुस्लिमो का बड़ी तादाद में भाजपा के जुड़ना अमिन खान के लिए सिरदर्द साबित हो रहा हें।इतना ही नहीं अमिन खान के गाँव के कई लोग भाजपा का दामन थाम चुके हें। जो अमिन के लिए बड़ा झटका था। 

जालम सिंह रावलोत को स्वयं सेवक संघ का उम्मीदवार माना जाता हें ,जालम सिंह की कांग्रेस नेताओ से नजदीकियों की खबरों से संघ नाराज़ चल रहा हें। भाजपा प्रदेश अध्यक्षा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के विश्वास पात्रो की सूचि से जालम सिंह बाहर हें। भाजपा के पास विकल्प नहीं हें। कांग्रेस और भाजपा नए दावेदारों पर दांव लगाने के इच्छुक हें मगर दोनों जीत के प्रति आश्वस्त नहीं हें। इसीलिए कांग्रेस और भाजपा दोनों को उतार दे तो कोई आश्चर्य नहीं। यह संभावना भी प्रबल हें की दो नए चहरे उतारे। 

शिव में भाजपा की टिकट उसी को मिलेगी जो पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह चाहेंगे। वसुंधरा राजे ने शिव की टिकट मानवेन्द्र सिंह पर छोड़ दी हें। वहीं अमिन खान का प्रयास हें खुद की टिकट कटे तो जिला अध्यक्ष फ़तेह खान या उनके पुत्र शेर खान को टिकट दी जाए। अमिन खान की बाड़मेर के जाट नेताओ से दुरी उन्हें भारी पड सकती हें। 

शिव विधानसभा में 470 गाँव ,74 ग्राम पंचायते ,8 राजस्व मंडल और 74 पटवार मंडल शामिल हें। चौहटन का बिजराड राजस्व वृत्त शिव में शामिल हें 

अब तक हुए दस विधानसभा चुनावो में कांग्रेस छह बार ,भाजपा दो बार ,जनता पार्टी दो बार जीती हें। 

समीकरण जातिगत। .शिव विधानसभा में मुस्लिम मेघवाल जात गठबंधन कांग्रेस के साथ रहा हें ,राजपूत और अन्य समाज भाजपा के साथ। शिव में 53000 मुसलमान ,34000 अनुसूचित जाति 20000 रावना राजपूत ,22000 राजपूत ,28000 जाट ,10000 अनुसूचित जन जाति ,8000 कुम्हार ,5000 पुरोहित 4000 चारण प्रमुख मतदाता हें। 


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