अहमदाबाद। पुलिस द्वारा एक रेप पीडिता की पहचान पड़ोस में जाहिर करने का मामला सामने आया है। पुलिस की इस हरकत के बाद रेप पीडिता को अब अपमान झेलना पड़ रहा है। इतना ही नहीं पीडिता इस घटना के बाद बेघर हो गई है। उसके मकान मालिक ने उससे घर खाली करने के लिए बोल दिया।
पुलिस की लापरवाही की वजह से पीडिता अब अपने आठ साल के बच्चे, पति के साथ रेलवे स्टेशन पर रहने को मजूबर है। घटना गुजरात के चांगोदार की है।
पीडिता और उसका पति पुलिस स्टेशन रेप की शिकायत दर्ज कराने गए थे। लेकिन पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की। बजाए इसके की पीडिता से एक एप्लीकेशन लिया गया और 24 घंटे से तफ्तीश शुरू की गई। पीडिता का कहना है कि पुलिस की असंवेदनशीलता की वजह से उन्हें बहुत दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। पीडिता को अपना घर छोड़ना पड़ा और रेलवे स्टेशन पर जिंदगी गुजराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
क्या किया पुलिस ने
पुलिस पीडिता को उसके पति के साथ घटनास्थल पर ले गई। जहां पर उन्होंने पीडिता के सामने ही उनको पड़ोसियों से घटना के बारे में तफ्तीश की। इसके बाद पूरे इलाके में पीडिता की पहचान को जाहिर कर दिया गया। अचानक इसके बाद पड़ोसियों ने घटना के बारे में आना शुरू कर दिया और उसके बाद पीडिता के मकान मालिक ने घर खाली करने के लिए बोल दिया। शुक्रवार को पीडिता अपने पति के साथ पुलिस स्टेशन गई जहां पर थानाधिकारी ने एफआईआर दर्ज नहीं की बल्की उसने पीडिता के पति के साथ गालिगलौच और अभद्रता की।
रेप पीडिता का पड़ोसी ही उसका इस साल के मई से उसका रेप कर रहा था। पीडिता ने आरोप लगाया है कि इसमें उसकी दो चचेरी बहने भी सहयोग करती थीं। उन्होंने मोबाइल पर पीडिता की फोटोग्राफ्स खीच लिए। जिसके बलबूते आरोपी पीडिता को ब्लैकमेल करता था और रेप करता रहा। पीडित परिवार ने सामाजिक डर की वजह से किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। लेकिन आरोपी द्वारा फिर भी पीछा नहीं छोड़ने के बाद पीडित परिवार ने पुलिस से सहायता लेने की सोची।
पुलिस की लापरवाही की वजह से पीडिता अब अपने आठ साल के बच्चे, पति के साथ रेलवे स्टेशन पर रहने को मजूबर है। घटना गुजरात के चांगोदार की है।
पीडिता और उसका पति पुलिस स्टेशन रेप की शिकायत दर्ज कराने गए थे। लेकिन पुलिस ने कोई एफआईआर दर्ज नहीं की। बजाए इसके की पीडिता से एक एप्लीकेशन लिया गया और 24 घंटे से तफ्तीश शुरू की गई। पीडिता का कहना है कि पुलिस की असंवेदनशीलता की वजह से उन्हें बहुत दिक्कतों को सामना करना पड़ रहा है। पीडिता को अपना घर छोड़ना पड़ा और रेलवे स्टेशन पर जिंदगी गुजराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
क्या किया पुलिस ने
पुलिस पीडिता को उसके पति के साथ घटनास्थल पर ले गई। जहां पर उन्होंने पीडिता के सामने ही उनको पड़ोसियों से घटना के बारे में तफ्तीश की। इसके बाद पूरे इलाके में पीडिता की पहचान को जाहिर कर दिया गया। अचानक इसके बाद पड़ोसियों ने घटना के बारे में आना शुरू कर दिया और उसके बाद पीडिता के मकान मालिक ने घर खाली करने के लिए बोल दिया। शुक्रवार को पीडिता अपने पति के साथ पुलिस स्टेशन गई जहां पर थानाधिकारी ने एफआईआर दर्ज नहीं की बल्की उसने पीडिता के पति के साथ गालिगलौच और अभद्रता की।
रेप पीडिता का पड़ोसी ही उसका इस साल के मई से उसका रेप कर रहा था। पीडिता ने आरोप लगाया है कि इसमें उसकी दो चचेरी बहने भी सहयोग करती थीं। उन्होंने मोबाइल पर पीडिता की फोटोग्राफ्स खीच लिए। जिसके बलबूते आरोपी पीडिता को ब्लैकमेल करता था और रेप करता रहा। पीडित परिवार ने सामाजिक डर की वजह से किसी तरह की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। लेकिन आरोपी द्वारा फिर भी पीछा नहीं छोड़ने के बाद पीडित परिवार ने पुलिस से सहायता लेने की सोची।
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