जयपुर। निंबाहेड़ा विधायक उदयलाल आंजना पर दुष्कर्म व धोखाधड़ी के आरोप लगाने वाली महिला ने खुलासा किया है कि उसने 2000 में मुख्यमंत्री से मिलकर न्याय की गुहार लगाई थी, लेकिन न्याय नहीं मिला। एएसपी व एडीएम को मंगलवार को नागौर में ज्ञापन देने पहुंची इस महिला ने सीआईडी जांच में अविश्वास जताते हुए सीबीआई जांच की तो मांग की ही, साथ ही यह भी कहा कि अब मैं स्वाभिमान की मौत मरना चाहती हूं। न्याय नहीं मिला तो 10 दिन बाद नागौर कलेक्ट्रेट के बाहर आमरण अनशन पर बैठ जाऊंगी और सबको मरकर दिखाऊंगी।
अपने अधिवक्ता के साथ यह महिला पुलिस अधीक्षक व कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंची थी। एसपी व कलेक्टर के कार्यालयों में नहीं होने की वजह से उसने एएसपी व एडीएम को ज्ञापन दिया। राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन में लिखा है कि राज्य में कांग्रेस की सरकार है और मेरे पति (उदयलाल आंजना) निंबाहेड़ा से विधायक है। आंजना के रसूख और रुतबे की वजह से उसकी किसी भी एजेंसी से निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती।
वो आरोप लगा रहे हैं जांच हो
महिला ने यह भी कहा कि आंजना मीडिया में यह आरोप लगा रहे हैं कि महिला षड्यंत्रकारी है। चुनाव देखकर उन्हें बदनाम किया जा रहा है। आंजना के इन आरोपों व दावों में कितनी सच्चाई है इसकी भी निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि आंजना की जो बेतहाशा संपत्ति है उसमें से उसे एक फूटी कौड़ी नहीं चाहिए।
हर आधे घंटे में मिल रही है धमकियां
उधर आंजना के साथ आए उसके अधिवक्ता महावीर विश्नोई ने आरोप लगाया कि महिला के केस की पैरवी करने की वजह से उसे व महिला को अनजान फोन कॉल्स से धमकियां मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि ये धमकियां कौन दे रहे हैं और क्यों दे रहे हैं यह भी सामने आना चाहिए। इसकी भी जांच होनी चाहिए।
न्याय नहीं मिला तो मरकर दिखाऊंगी
महिला ने सीबीआई से जांच नहीं कराने और मुख्यमंत्री द्वारा सुनवाई नहीं करने पर आमरण अनशन की चेतावनी दी है। उसने कहा है कि 10 दिन में सीबीआई जांच शुरू नहीं होती है तो वह नागौर कलेक्ट्रेट पर आमरण अनशन पर बैठेगी और अपनी जान देकर दिखाएगी। महिला ने कहा कि जिल्लत भरी जिंदगी के साथ स्वाभिमान की मौत पसंद करूंगी।
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