इलाहाबाद।। इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस के दो जवानों की मीरगंज स्थित रेडलाइट एरिया में जिश्मफरोशी धंधे के दलालों ने गोली मारकर हत्या कर दी। रविवार की शाम को आईटीबीपी के दो जवान अनूप कुमार और लालमणि तफरी के लिए मीरगंज रेडलाइट एरिया में गए थे। लौटते वक्त इन जवानों की कुछ दलालों से कहासुनी हो गई। कहासुनी बढ़ने के बाद रेडलाइट एरिया में पुलिस के संरक्षण में पलने वाले दलालों ने इन जवानों को घेरकर पिस्टल और तमंचे से कई राउंड फायर करके लहूलुहान कर दिया।
रेडलाइट एरिया में ताबड़तोड़ गोलियों की आवाज सुनने के बाद मीरगंज पुलिस चौकी के जवान जब मौके पर पहुंचे तो खून से लथपथ जवान रास्ते में पड़े थे। पुलिस ने इन जवानों को घायलावस्था में एसआरएन अस्पताल लायी। इन जवानों का बयान लेने के लिए मैजिस्ट्रेट भी पहुंचे वह बोलने की स्थिति में नहीं थे। डॉक्टरों ने इन जवानों का इलाज प्रारंभ किया, लेकिन शरीर गोली से छलनी के कारण बचा नहीं सके।
दलालों की गोली के शिकार बने दोनों जवान इलाहाबाद स्थित आईटीबीपी सेंटर में तैनात थे। अनूप कुमार उत्तराखंड तथा लालमणि झारखंड का रहने वाला है। पुलिस ने घटना की सूचना आईटीबीपी सेंटर के प्रमुख को दे दी है। कोतवाली पुलिस ने इस घटना की अज्ञात लोगों के नाम पर मुकदमा दर्ज करके गोली मारने वालों की तलाश में लगी है।मीरगंज में दलालों की गुंडागर्दी कोई नई बात नहीं है। पुलिस के संरक्षण में पलने वाले इन दलालों की गुंडागर्दी के खिलाफ शिकायत को पुलिस नजरअंदाज ही कर देती है। इन दलालों को एक प्रभावशाली आपराधिक प्रवृत्ति के नेता का संरक्षण भी है।
रेडलाइट एरिया में ताबड़तोड़ गोलियों की आवाज सुनने के बाद मीरगंज पुलिस चौकी के जवान जब मौके पर पहुंचे तो खून से लथपथ जवान रास्ते में पड़े थे। पुलिस ने इन जवानों को घायलावस्था में एसआरएन अस्पताल लायी। इन जवानों का बयान लेने के लिए मैजिस्ट्रेट भी पहुंचे वह बोलने की स्थिति में नहीं थे। डॉक्टरों ने इन जवानों का इलाज प्रारंभ किया, लेकिन शरीर गोली से छलनी के कारण बचा नहीं सके।
दलालों की गोली के शिकार बने दोनों जवान इलाहाबाद स्थित आईटीबीपी सेंटर में तैनात थे। अनूप कुमार उत्तराखंड तथा लालमणि झारखंड का रहने वाला है। पुलिस ने घटना की सूचना आईटीबीपी सेंटर के प्रमुख को दे दी है। कोतवाली पुलिस ने इस घटना की अज्ञात लोगों के नाम पर मुकदमा दर्ज करके गोली मारने वालों की तलाश में लगी है।मीरगंज में दलालों की गुंडागर्दी कोई नई बात नहीं है। पुलिस के संरक्षण में पलने वाले इन दलालों की गुंडागर्दी के खिलाफ शिकायत को पुलिस नजरअंदाज ही कर देती है। इन दलालों को एक प्रभावशाली आपराधिक प्रवृत्ति के नेता का संरक्षण भी है।
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