रविवार, 15 सितंबर 2013

रेवाड़ी की रैली में मोदी : कहा, नेता सीखें सेना से असली सेक्युलेरिज्म



रेवाड़ी: प्रधानमंत्री पद के लिए बीजेपी उम्मीदवार चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी ने हरियाणा के रेवाड़ी में अपनी पहली रैली को संबोधित किया। मोदी यहां पूर्व सैन्यकर्मियों की एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे, जिसमें पूर्व सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह भी मौजूद थे। उनके साथ कई सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों ने भी रैली में हिस्सा लिया। जैसे ही मोदी मंच से भाषण देने के लिए उठे वहां मौजूद करीब डेढ़ लाख लोगों की तालियों की जोरदार गड़गड़ाहट के बीच स्पीकर पर शेर की आवाज सुनाई गई।
रेवाड़ी की रैली में मोदी : कहा, नेता सीखें सेना से असली सेक्युलेरिज्म
सेना के पूर्व अफसरों और जवानों को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि रिझांग्ला, त्रिशूर या करगिल की लड़ाई हो, भारतीय सेना ने शाहदत का शतक लगाया। सैनिक का जीवन किसी ऋषि-मुनि से कम नहीं है।

कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि पूरा एक दशक होने को आया, कोई अच्छी खबर सुनने को नहीं मिली। उन्होंने कहा कि मैं भारत के वैज्ञानिकों का अभिनंदन करता हूं, जिन्होंने अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया।

जब सेना में भर्ती होना चाहते थे मोदी

मोदी ने कहा कि पीएम प्रत्याशी घोषित होने पर इतनी खुशी नहीं हुई, जितनी इस कार्यक्रम में शरीक होकर हो रही है। मैं चौथी कक्षा का छात्र था, गरीब था, दो रुपये एक साथ नहीं देखे थे, अखबार में इश्तहार था, सैनिक स्कूल में दाखिले का। दो रुपये जमाकर मैंने पोस्ट ऑफिस के पोस्टमास्टर की मदद से स्कूल का प्रोस्पैक्टस मंगवाया। मैं मानता था कि देश की सेवा करना यानि सेना में जाना। मैंने फार्म जमा किया। पिता जी से टिकट के पैसे मांगें की परीक्षा देनी है, लेकिन पिता जी पैसे का इंतजाम नहीं कर पाए और मैं दाखिला नहीं ले पाया।

मोदी ने आगे कहा, मैं छठी कक्षा का छात्र था, जब चीन युद्ध हुआ, तब मैंने सैनिकों की सेवा की। बाद में भारतीय जनता पार्टी में रहकर सेना के करीब आने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि ईश्वर का संकेत है कि पीएम उम्मीदवारी की घोषणा के बाद मैं पहले से तय इस रैली में आया हूं।

उन्होंने कहा, हरियाणा में स्वामी दयानंद सरस्वती का प्रभाव रहा है। इमरजेंसी के दौरान मोराजी देसाई को हरियाणा की जेल में रखा गया था। चौधरी देवीलाल, चौधरी बंशीलाल के साथ काम करने का मौका मिला। रेवाड़ी में अटल बिहारी वाजपेयी के साथ रैली की थी।

रैली की अपार भीड़ को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह परिवर्तन की पुकार है, दिल्ली की सल्तनत को ललकार है। इस भूमि पर गीता का संदेश भगवान श्रीकृष्ण ने दिया था। देश में भी संकट के समय सैनिक काम आते हैं। गुजरात का विनाशकारी भूकंप हो या उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा, सेना ने हर मुश्किल घड़ी में देश की सेवा की है।

मौजूदा सीमा तनाव पर

नियंत्रण रेखा पर शहीद सैनिकों के बारे में रक्षामंत्री एंटनी के बयान की मोदी ने निंदा की। उन्होंने बिहार की जेडीयू सरकार के एक मंत्री के भी सैनिकों पर दिए गए उस बयान की कड़ी निंदा की, जिसमें मंत्री ने कहा था कि सेना में लोग मरने के लिए ही जाते हैं। मोदी ने कहा, अगर दिवाली मनाने का मौका मिलता है, तो मैं सीमा पर चला जाता हूं। उन्होंने कहा कि 700 किलोमीटर पाइपलाइन डालकर सीमा पर सैनिकों को नर्मदा का साफ पानी पीने के लिए उपलब्ध कराया गया है। सीमा पर काम करने वाले जवान के प्रति सम्मान का भाव होना चाहिए। हमने गुजरात से सटी पाकिस्तान की सीमा पर शहीद स्मारक बनाया है।

सीमा पर चीन और पाकिस्तान की घटनाओं पर उन्होंने कहा कि यह सब सेना की कमजोरी के कारण नहीं हो रहा है। यह सब सीमा की समस्या नहीं है, यह दिल्ली की समस्या है। इस समस्या का समाधान भी दिल्ली से खोजना पड़ेगा। इस समस्या का समाधान दिल्ली में सक्षम, देशभक्त सरकार बनाकर ही हो सकता है।

आतंकवाद और माओवाद

मोदी ने कहा कि भारत ने जितने जवान युद्ध में नहीं गंवाए, उससे ज्यादा आतंकवादियों, विघटनकारी शक्तियों और माओवादियों से लड़ाई में गंवाए हैं। तीसरे विश्वयुद्ध की संभावना को टालने के दम पर मोदी ने कहा कि यूएनओ को गर्व नहीं करना चाहिए। अब देश ज्यादा छद्म युद्ध से परेशान है, जिसका नाम है आतंकवाद और माओवाद। पूरे विश्व में माओवाद और आतंकवाद के खिलाफ जनमत तैयार होना चाहिए। मोदी ने कहा, आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। हिंसा मानवता की कब्र खोदती है। गरीब देश के नौजवनों को सुरक्षित करने के लिए शांति पहली जरूरत है।

पाकिस्तान के बारे में

पाकिस्तान के बारे में मोदी ने कहा, पाकिस्तान में चुनी सरकार आई है। उससे अपेक्षा है कि भारत विरोध की नीति छोड़ मित्रता की नीति अपनाए। बम, बंदूक और पिस्तौल ने 60 साल में पाकिस्तान का भला नहीं किया। पहले लड़ाई सीमा पर होती थी, अब निर्दोष नागरिकों को मारने की लड़ाई का खेल चल रह है। यह आतंकवाद किसी देश का भला नहीं करता। पाकिस्तान को सलाह दी कि गरीबी, अशिक्षा और अंधश्रद्धा के खिलाफ लड़ाई करें। विश्वशांति का मकसद लेकर चलना होगा। केवल 10 साल आप पाकिस्तान में आतंकवाद को प्रश्रय न दें, तो विकास की बयार बहेगी और गरीबी दूर होगी।

सेक्युलेरिज्म पर

मोदी ने कहा, आज देश में वोट बैंक की राजनीति का खेल इतना घिनौना हो गया है कि समाज को टुकड़े-टुकड़े में बांट दिया गया है। सेक्युलेरिज्म का छाता लेकर पार्टियां लोगों को बांट रही हैं। अगर सच्चा सेक्युलेरिज्म देखना हो, तो सेना एक मिसाल है। राजनेताओं को भारतीय सेना से सीख लेनी चाहिए। 1857 का संग्राम भी सेक्युलेरिज्म की मिसाल है। सेना आज भी परंपरा निभा रही है। देश में सत्ता के भूखे लोगों ने पहली बार यह प्रयास किया है कि सेना में हिन्दू, मुसलमान की गिनती का आदेश दिया है। सेना को भी संप्रदाय में रंगने का काम इस सरकार ने किया है। हम सेना में इस प्रकार की कोई गिनती नहीं होने देंगे।

'वन रैंक, वन पेंशन' पर

किसी भी देश के लिए यह बहुत बड़ी चुनौती है, अगर नौजवान सेना में जाना नहीं चाहते हैं। अब युद्ध सीमा पर नहीं, टेक्नोलॉजी से लड़े जाएंगे। सेना में जाना एक गौरव की बात हो ऐसा माहौल बनाना होगा। वन रैंक वन पेंशन की बात पर मोदी ने भारत सरकार से श्वेत पत्र की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर 2004 में वाजपेयी जी की सरकार बनी होती, तब इसका समाधान निकल चुका होता।

हथियारों के आयात पर

उन्होंने हथियारों के आयात पर सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर इससे किसका फायदा हो रहा है। इतने सालों में भारत आत्मनिर्भर नहीं बन पाया। हमने गुजरात में डिफेंस इक्विपमेंट इंजीनियरिंग का कोर्स शुरू किया है। हम भारतीय कंपनियों को प्राथमिकता देंगे।


पटेल की प्रतिमा के बारे में

मैं नौजवानों से मताधिकार प्रयोग करने का आह्वान करता हूं। उन्होंने कहा कि युवा को 18 साल के होने पर बधाई देनी चाहिए। अगर हमें देश को मजबूत बनाना होगा देश के मतदाता को जोड़ना होगा। इस देश को एक करने का काम सरदार वल्लभ भाई पटेल ने किया था। पिछले कई वर्षों से सरदार पटेल को भुला दिया गया है। सरदार पटेल किसान थे, आजादी के समय किसानों को जोड़ने का काम उन्होंने किया था। सरदार पटेल की भव्य प्रतिमा बनानी है, यह प्रतिमा अमेरिका की स्टेच्यु ऑफ लिबर्टी से दो गुनी बड़ी बननी चाहिए। इस प्रतिमा का नाम स्टेच्यू ऑफ युनिटी बनाना रखा गया है। उसके लिए देश हर गांव से लोहा चाहिए। मुझे किसानों के खेत का औजार चाहिए।

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