रविवार, 8 सितंबर 2013

मोदी पर देरी के पक्ष में नहीं संघ, पितृ पक्ष से पहले ऐलान?



नई दिल्ली।। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पीएम उम्मीदवार कब घोषित किया जाए, बीजेपी और संघ में अब इस पर माथापच्ची हो रही है। इस समय वसंत कुंज में बीजेपी टॉप नेतृत्व और संघ के बीच महामंथन चल रहा है। इस दो दिवसीय बैठक में पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, लाल कृष्ण आडवाणी, नरेंद्र मोदी, सुषमा स्वराज समेत सभी बड़े नेता भाग ले रहे हैं। खबर है कि संघ मोदी के नाम पर और देरी के पक्ष में नहीं है। सोमवार के बाद और पितृ पक्ष के पहले किसी भी वक्त मोदी के नाम का बीजेपी औपचारिक तौर पर ऐलान कर सकती है।
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गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह 2014 के आम चुनाव में कांग्रेस में नंबर दो की हस्ती रखने वाले राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री कैंडिडेट बनाने की जमकर वकालत कर चुके हैं। मनमोहन सिंह ने यहां तक कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में काम करने में उन्हें 'बहुत ख़ुशी' मिलेगी। प्रधानमंत्री के इस बयान से साफ हो गया है कि 2014 का आम चुनाव नरेंद्र मोदी बनाम राहुल गांधी होने जा रहा है।

संघ परिवार ने बीजेपी के टॉप नेतृत्व पर नरेंद्र मोदी की औपचारिक घोषणा के लिए दबाव बढ़ा दिया है। सोमवार के बाद किसी भी वक्त बीजेपी नरेंद्र मोदी को 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री प्रत्याशी की औपचारिक घोषणा कर सकती है। बीजेपी प्रमुख राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी पर पार्टी के अंदर किसी भी तरह के विरोध के सामने नहीं झुकने का फैसला किया है।सिंह ने यह फैसला शनिवार शाम आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मिलने का बाद किया है। आरएसएस बीजेपी नेताओं के साथ मोदी पर निर्णायक फैसला जल्दी कराने में लगा है। सोमवार को भी संघ और बीजेपी की समन्वय समिति की बैठक होने वाली है। इसी बैठक में मोदी पर अंतिम फैसला होने वाला है। इस बैठक में शामिल होने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को दिल्ली पहुंच गए हैं।

विचार-विमर्श में आरएसएस के सीनियर नेता भैयाजी जोशी और जॉइंट सेक्रेटरी सुरेश सोनी शामिल होंगे। बैठक में नरेंद्र मोदी पर सहमति बनाने की पूरी कोशिश की जाएगी। नरेंद्र मोदी के नाम पर बीजेपी के वयोवृद्ध नेता लालकृष्ण आडवाणी और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज सहमत नहीं हैं। आडवाणी और सुषमा का कहना है कि मोदी पर जल्दीबादी में घोषणा नहीं होनी चाहिए। इन दोनों प्रमुख नेताओं की राय है कि इसी साल नवंबर में 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बाद नरेंद्र मोदी पर अंतिम फैसला लिया जाए।

इससे पहले इसी साल अगस्त में मोदी के मुद्दे पर बीजेपी और संघ में बात हुई थी लेकिन सहमति नहीं बन पाई थी। इस मसले पर बीजेपी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गड़करी ने सीनियर नेता मुरली मनोहर जोशी से मोदी को लेकर बातचीत की थी। हालांकि,यह इस बातचीत में भी कोई नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका।

अब खबर है कि राजनाथ सिंह संघ की हरी झंडी के बाद किसी भी तरह के पार्टी में विरोध को तवज्जो नहीं देने वाले हैं। सोमवार के बाद राजनाथ सिंह किसी भी वक्त मोदी के नेतृत्व में 2014 का आम चुनाव लड़ने का ऐलान कर सकते हैं। बीजेपी पितृपक्ष पखवाड़े में किसी भी बड़े निर्णय से बचना चाह रही है। हिन्दू परंपरा में इस पखवाड़े को अमंगलकारी माना जाता है। पितृपक्ष 20 सितंबर से शुरू हो रहा है। बीजेपी चाहती है कि पितृपक्ष से पहले ही मोदी पर सहमति बन जाए।

मनमोहन सिंह द्वारा राहुल गांधी को पीएम का आदर्श प्रत्याशी बताए जाने के बाद बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि यह कोई बड़ी बात नहीं है। त्रिवेदी ने कहा कि मुझे शक है कि कांग्रेस राहुल गांधी को बतौर प्रधानमंत्री प्रत्याशी घोषित करेगी। मैं तो ललकार रहा हूं कि कांग्रेस राहुल गांधी को पीएम प्रत्याशी घोषित करे। त्रिवेदी के इस बयान से भी समझा जा सकता है कि बीजेपी मोदी के मुकाबले राहुल को कितना कमजोर समझती है। बीजेपी मानती है कि यदि कांग्रेस राहुल को आगे करती है तो इससे मोदी को मदद मिलेगी। बीजेपी इस लडा़ई को मजबूत और भरोसेमंद नेतृत्व बनाम अपरिपक्व और अनुभवहीन नेतृत्व बना सकती है।

बीजेपी ने कहा कि कांग्रेस किसे कमान देगी यह इसका आंतरिक मामला है। लेकिन पब्लिक राहुल, अखिलेश और उमर अब्दुल्ला की वंशवाद वाली राजनीति से आजिज आ गई है। त्रिवेदी ने कहा कि जनादेश मजबूत नेतृत्व के पक्ष में होगा न कि विरासत वाली सियासत के पक्ष में।

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