षिक्षा विकास की मुख्य धुरी दवे
बाडमेर: षिक्षा ही समाज व राष्ट्र की उन्नति का मार्ग खोलती है इसलिये सभी को आगे आकर षिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देना होगा क्योकि षिक्षा ही विकास की मुख्य धुरी है, उक्त सम्बोधन डा. जितेन्द्र सिंह मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी बाडमेर ने जिला साक्षरता एवं सतत षिक्षा विभाग, जिला प्रषासन एंव श्योर संस्था द्वारा आयोजित साक्षरता दिवस केे अवसर पर किया।
डा.सिंह ने कहा कि भारत में दो मुख्य विभाग देष के विकास में महत्वपूर्ण भुमिका निभाते है, षिक्षा और चिकित्सा विभाग में स्थानीय षिक्षित लोगों की जरूरत होती है जहां लोग षिक्षित होते वहां विकास की राह उतनी ही आसान होती है। चिकित्सा शरीर तथा साक्षरता जीवन को सही दिशा देते है।
जिला षिक्षा अधिकारी प्रा. पृथ्वीराज दवे ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन मेंं कहा कि साक्षरता हेतु व्यकित में इच्छा शकित बढ़ानी होगी तथा व्यकित के बदलाव में षिक्षा एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। वर्तमान में महिला षिक्षा की महत्ती आवष्यकता है। षिक्षा से व्यकित समय के साथ बढता है तथा पढ़ने की कोर्इ उम्र नही होती।
अतिरिक्त जिला षिक्षा अधिकारी (मा) महेन्द्र शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि ज्ञान के प्रकाष से व्यकित में शकित पैदा होती जिससे वह सत्य एवं असत्य का भेद जान सकता है। षिक्षा की निरन्तरता हेतु जन सहयोग को तैयार करना होगा तथा षिक्षा को जन अभियान के रूप में पहचान बनानी होगी।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला परियोजना अधिकारी सर्वषिक्षा अभियान राजन शर्मा ,धारा संस्था के महेष पनपालिया ने अपने विचार रखें।
जिला साक्षरता एवं सतत षिक्षा अधिकारी पुखराज गौड़ ने जिले में विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की तथा वर्तमान साक्षरता की सिथति पर प्रकाष डाला।
श्योर संस्था की लता कच्छावाहा ने बताया कि षिक्षा समाज को जीने की कला सिखाती है इससे विचाारो का सम्प्रेषण होता है तथा षिक्षा बैहतर रोजगार बनती है। साक्षरता जीवन शैली में बदलाव लाती है।
नेत्रहीन छात्र झबर सिंह तथा मोहम्मदखां ने बताया कि निरक्षारता व्यकित को अंधकार की ओर ले जाती है जिससे व्यकित समाज में अपने दायित्वों का निर्वाह सम्पूर्ण रूप से नही कर पाता है।
श्योर संस्था के अनील शर्मा ने बताया कि साक्षरता दिवस समारोह को आज सम्पूर्ण विष्व में मनाया जा रहा है इसी कडी में निदेषालय साक्षरता एवं सतत षिक्षा विभाग , जिला प्रषासन बाडमेर एवं श्योर संस्था के संयुक्त तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया है।
कार्यक्रम में खेतसिंह, सत्यनारायण, विरधाराम बारूपाल, कानाराम , हाकमसिंह ने सहयोग प्रदान किया।
श्योर संस्था के हनुमान चौधरी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन ओम जोषी ने किया।
डा.सिंह ने कहा कि भारत में दो मुख्य विभाग देष के विकास में महत्वपूर्ण भुमिका निभाते है, षिक्षा और चिकित्सा विभाग में स्थानीय षिक्षित लोगों की जरूरत होती है जहां लोग षिक्षित होते वहां विकास की राह उतनी ही आसान होती है। चिकित्सा शरीर तथा साक्षरता जीवन को सही दिशा देते है।
जिला षिक्षा अधिकारी प्रा. पृथ्वीराज दवे ने इस अवसर पर अपने सम्बोधन मेंं कहा कि साक्षरता हेतु व्यकित में इच्छा शकित बढ़ानी होगी तथा व्यकित के बदलाव में षिक्षा एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। वर्तमान में महिला षिक्षा की महत्ती आवष्यकता है। षिक्षा से व्यकित समय के साथ बढता है तथा पढ़ने की कोर्इ उम्र नही होती।
अतिरिक्त जिला षिक्षा अधिकारी (मा) महेन्द्र शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि ज्ञान के प्रकाष से व्यकित में शकित पैदा होती जिससे वह सत्य एवं असत्य का भेद जान सकता है। षिक्षा की निरन्तरता हेतु जन सहयोग को तैयार करना होगा तथा षिक्षा को जन अभियान के रूप में पहचान बनानी होगी।
कार्यक्रम में अतिरिक्त जिला परियोजना अधिकारी सर्वषिक्षा अभियान राजन शर्मा ,धारा संस्था के महेष पनपालिया ने अपने विचार रखें।
जिला साक्षरता एवं सतत षिक्षा अधिकारी पुखराज गौड़ ने जिले में विभाग द्वारा की जा रही गतिविधियों के बारे में जानकारी प्रदान की तथा वर्तमान साक्षरता की सिथति पर प्रकाष डाला।
श्योर संस्था की लता कच्छावाहा ने बताया कि षिक्षा समाज को जीने की कला सिखाती है इससे विचाारो का सम्प्रेषण होता है तथा षिक्षा बैहतर रोजगार बनती है। साक्षरता जीवन शैली में बदलाव लाती है।
नेत्रहीन छात्र झबर सिंह तथा मोहम्मदखां ने बताया कि निरक्षारता व्यकित को अंधकार की ओर ले जाती है जिससे व्यकित समाज में अपने दायित्वों का निर्वाह सम्पूर्ण रूप से नही कर पाता है।
श्योर संस्था के अनील शर्मा ने बताया कि साक्षरता दिवस समारोह को आज सम्पूर्ण विष्व में मनाया जा रहा है इसी कडी में निदेषालय साक्षरता एवं सतत षिक्षा विभाग , जिला प्रषासन बाडमेर एवं श्योर संस्था के संयुक्त तत्वाधान में यह कार्यक्रम आयोजित किया है।
कार्यक्रम में खेतसिंह, सत्यनारायण, विरधाराम बारूपाल, कानाराम , हाकमसिंह ने सहयोग प्रदान किया।
श्योर संस्था के हनुमान चौधरी ने अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन ओम जोषी ने किया।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें